हर साल बढ़ रहे जमीनों के रेट, कम हो रही रजिस्ट्रियों की संख्या
भोपाल
राजधानी में बीते कई साल से लगातार जमीनों के दामों में प्रशासन वृद्धि कर रहा है। इसका असर यह है कि जमीनों के रेट बढ़ने के कारण जिले में रजिस्ट्री की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। रजिस्ट्री कम होने के कारण शासन को होने वाली आय में भी कमी आई है। ऐसे में अब आम आदमी सहित प्रॉपटी के बिजनेस से जुड़े लोगों की मांग है कि प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन-2019-20 के दामों में कमी की जाए, ताकि प्रॉपटी खरीदने वाले अपनी इच्छाएं पूरी कर सकें।
बीते छह सालों से भोपाल में जमीनों के रेट में इजाफा होने के कारण हर साल सैकड़ों फ्लैट बनकर तैयार हो रहे हैं, लेकिन उनके खरीदार नहीं आ रहे। ये हालात प्राइवेट बिल्डरों के बस नहीं है। शासन से जुड़े भोपाल विकास प्राधिकरण और मप्र हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट भी इसी राह में चल रहे हैं। इनके कई प्रोजेक्ट लगातार दाम बढ़ने के कारण बिक ही नहीं पा रहे हैं .