हर आदमी ने सुना होगा पटौदी और शर्मिला को लेकर ये फर्जी किस्सा

 
नई दिल्ली 

बॉलीवुड और क्रिकेट, भारत में ये दोनों चीजें ग्लैमर का अभिप्राय बन चुकी हैं. अगर ये दोनों चीजें एक साथ मिल जाती हैं तब तो वो खबर अपने आप में बेहद खास हो जाती है. कई दफा आपने देखा होगा कि बॉलीवुड के सितारे क्रिकेट में रुचि दिखाते नजर आते हैं. इसके अलावा कई क्रिकेटर्स भी ऐसे हैं जो फिल्मों में खास दिलचस्पी रखते हैं. कभी-कभी प्रोफेशनल फ्रंट की जगह ऐसा पर्सनल फ्रंट पर भी देखा गया है. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज और स्पोर्ट्सपर्सन के रिलेशनशिप या अफेयर की चर्चाएं हमेशा से होती आई हैं. ऐसी जोड़ियों में शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी की जोड़ी का जिक्र कई मर्तबा किया जा चुका है. उनकी बॉन्डिंग को लेकर कई किस्से चलते हैं. मगर असलियत कुछ और है.

मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की मुलाकात कब हुई इसे लेकर कई सारे किस्से फैले हुए हैं. एक किस्सा खूब पॉपुलर है कि नवाब साहब एक मैच खेल रहे थे. मैदान में मैच देखने शर्मिला टैगोर भी पहुंची हुई थीं. मैच के दौरान नवाब को चोट लग जाती है और नाक से खून निकलने लगता है. मगर इसके बावजूद भी वे खेलते रहते हैं और खूब चौके-छक्के लगाते हैं. पवेलियन में बैठीं शर्मिला का दिल नवाब साहब पर आ जाता है और फिर दोनों शादी कर लेते हैं.

जबकि असली किस्सा ये है कि मंसूर अली खान पटौदी ने शर्मिला को पेरिस में प्रपोज किया था. दोनों की पहली मुलाकात साल 1965 को दिल्ली में हुई थी. कहा जाता है कि पहली ही नजर में नवाब साहब को शर्मिला भा गई थीं. मगर शर्मिला का दिल जीतना इतना आसान नहीं था. इसके लिए पटौदी को काफी मशक्कत करनी पड़ी. 4 साल के लंबे इंतजार के बाद पटौदी ने शर्मिला को प्रपोज किया. मगर राह अभी भी आसान न थी. धर्म अलग होने की वजह से भी दोनों को अपने परिवार वालों को मनाने के लिए मेहनत करनी पड़ी. शर्मिला को शादी से पहले धर्म परिवर्तन करना पड़ा और वे आयशा सुल्ताना बन गईं. साल 1969 को दोनों की शादी बड़ी धूम-धाम से हुई. इस शादी से उन्हें तीन बच्चे हुए. सैफ अली खान, सोहा और सबा. सैफ और सोहा ने करियर के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री को चुना और अपना-अपना एक मुकाम बनाया.

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