हड़तालः मुंबई में आज भी सड़कों से गायब बसें

मुंबई
बेस्ट बसों की हड़ताल के कारण मंगलवार को मुंबई और आसपास के इलाकों में जनता का बुरा हाल रहा। यह हड़ताल बुधवार को भी जारी है। बेस्ट बस हड़ताल को देखते हुए सेंट्रल रेल सीपीआरओ ने अतिरिक्त सब सर्विस की घोषणा की है। बेस्ट के 33 हजार से अधिक कर्मियों की हड़ताल का मुंबई के जनजीवन पर गहरा असर पड़ा। रोजाना लाखों यात्रियों को ढोने वाली 1,812 बेस्ट बसें सड़कों से नदारद रहीं। नतीजा, सड़कों पर सन्नाटा पसरा था।

कुछ लोग बस स्टॉप पर इंतजार भी करते नजर आए, लेकिन घंटों बस नहीं आने पर वैकल्पिक साधनों से अपने कार्यालय और गंतव्य स्थान पर पहुंचे। बसें नहीं चलने से ऑटोरिक्शा, टैक्सी और प्राइवेट ऑपरेटरों की चांदी रही। वे यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते दिखे। यह झेल, मुंबईकर बोले कि अब यह बार-बार की हड़ताल बंद होनी चाहिए और प्रशासन-बेस्ट को मामला सुलझा लेना चाहिए।

10 बसों में तोड़फोड़
हड़ताल से विद्यार्थी, मरीज और रोजाना यात्रा करने वाले कम से कम 25 लाख लोग प्रभावित हुए। जानकारी के अनुसार, सोमवार की मध्य रात्रि में 10 बसों में तोड़फोड़ और मारपीट की घटना भी हुई है। वडाला राममंदिर के पास दो, धारावी पीएमजीपी कॉलोनी, मालाड (पश्चिम), मागाठाणे डिपो के पास, मालाड पठानवाडी आदि स्थानों पर एक-एक घटना सामने आई। वडाला डिपो के पास सोमवार की रात बस पर पत्थर फेंके जाने से बस ड्राइवर गणपत यादव घायल हो गए।

व्यवस्था चरमराई
हड़ताल को बेअसर करने के लिए प्रशासन की तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई थी, जो नाकाफी साबित हुई। लोगों की सुविधा के लिए एसटी बस चलाई गईं और मेट्रो की सेवाएं भी ली गईं, लेकिन यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण सभी विकल्प फेल हो गए। बेस्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि कुल 27 डिपो में 1,812 बसें मॉर्निंग सर्विस के लिए लगाई गई थीं, लेकिन एक भी बस डिपो से बाहर नहीं गईं। इसे देखते हुए महाराष्ट्र राज्य परिवहन ने 40 विशेष बसें चलाईं। हड़ताल को खत्म कराने का प्रयास भी किया गया, लेकिन बात नहीं बनी।

मेन लाइन-
ठाणे प्रस्थान- 13.44 बजे, सीएसएमटी आगमन- 14.40 बजे
सीएसएमटी प्रस्तान- 14.49 बजे, कल्याण आगमन- 16.15 बजे
हार्बर लाइन-
वाशी प्रस्थान 13.44 बजे, सीएसएमटी आगमन- 14.32 बजे
सीएसएमटी प्रस्थान 14.45 बजे पनवेल आगमन 16.05 बजे

क्या हैं कर्मचारियों की मांगें:
-कर्मचारियों की मुख्य मांग बेस्ट बजट का बीएमसी बजट में विलय की है, जिससे फंड की कमी से जूझ रहे कॉर्पोरेशन की स्थिति सुधर सके।
-पिछले दो साल से प्रलंबित वेतन करार तत्काल करने की जरूरत है।
-कर्मचारी सेवा आवास और भर्तियों को लेकर भी मांगें हैं।
-2007 के बाद कार्यरत कर्मचारियों का मास्टर ग्रेड पर फिक्सेशन हो।

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