स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन संचालक डॉ. योगिराज शर्मा लोकायुक्त जांच में दोषी, 2 करोड की वसूली के आदेश

भोपाल
स्वास्थ्य विभाग में 14 साल पुराने घोटाले के दो मामलों में तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक डॉ. योगिराज शर्मा लोकायुक्त जांच में दोषी पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव ने भोपाल कलेक्टर को उनकी संपत्ति से 2 करोड से ज्यादा की वसूली के आदेश दिए हैं। शर्मा के खिलाफ दो मामलों में लोकायुक्त में शिकायतें दर्ज की गर्इं थीं। इन दोनों मामलों में करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में इन दोनों मामलों में डॉ. योगीराज शर्मा दोषी पाए गये हैं। इन दोनों मामलों में दो करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी सिद्ध हुई है।

शर्मा के साथ ही उनकी पत्नी और बेटा, बेटियों के नाम देश भर में खरीदी गई प्रॉपर्टी को कुर्क किया जाएगा। डॉ. शर्मा पर आरोप हैं कि  उन्होंने  अपने परिजन, रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर दवा एवं अन्य उपकरणों की खरीदी में करोड़ों की गड़बड़ियां की हैं। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने आयकर विभाग, लोकायुक्त और स्वास्थ्य विभाग से दस्तावेज हासिल किए थे। आयकर विभाग ने शर्मा के यहां मारे गए छापे में मिली संपत्ति का ब्योरा दे दिया था। इन आरोपों के बाद  वर्ष 2008 में 16 लोगों और उनकी कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी, षड़यंत्र और भ्रष्टाचार के तहत अपराध दर्ज किया था।

 स्वास्थ्य विभाग द्वारा भोपाल कलेक्टर को भेजे आदेश में साल 2006-07 में दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को फैमिली हेल्थ कार्ड की छपाई का काम नियम विरूद्व सरकारी प्रेस से न कराकर अपने खास लोगों को दे दिया था। साल 2009 में लोकायुक्त ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया था।  इस मामले में 1 करोड़ 10 लाख 62 हजार रुपए की गड़बड़ी सिद्व हुई थी। जबकि साल 2007 में लोकायुक्त में सेक्टर निवेश प्रोग्राम के तहत गाज, स्वाब कंबल और बेडशीट खरीदी के मामले में भी 1 करोड़ 9 लाख रुपए के  आरोप सिद्व हुए हैं।

आठ साल पहले स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन डायरेक्टर योगीराज शर्मा के घर आयकर की छापेमारी हुई थी इसमें उनकी संपत्ति और दस्तावेज जब्त किए गये थे। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ आइएएस अधिकारियों के साथ विभागीय कई अफसरों की भूमिका भी सामने आई थी। अभी जांच में लोकायुक्त ने दो मामलों में दो करोड़ की वसूली के आदेश दिए हैं। लोकायुक्त पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. एएन मित्तल और क्लर्क जीपी किरार के यहां भी छापेमार कार्रवाई की थी इसमें तीस लाख रुपए नकद और करोड़ों रुपए की संपत्ति के कागजात मिले थे। छापे के दौरान बताया गया था कि पहली बार नोट गिनने के लिए आयकर विभाग को मशीन लगानी पड़ी हैं। शर्मा के घर में रजाई, गद्दे यहां तक कि टॉयलेट से भी नोटों के बंडल बरामद होने की भी खबरें थीं।

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