स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की भूसमाधि आज, राजनाथ और योगी भी पहुंचे

 हरिद्वार 
हरिद्वार में भारतमाता मंदिर के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के ब्रह्मलीन होने की सूचना मिलते ही मंगलवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए अनुयायी उमड़ पड़े। आज उन्हें भूसमाधि दी जा रही है। देश-विदेश से लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे हैं। प्रदेश सरकार बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए कई बड़ी हस्तियां पहुंची हैं। इनमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,  अजय भट्ट, केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजनी, सत्यपाल, बीजेपी राष्ट्रीय महामंत्री शिव प्रकाश आदि शामिल हैं।

ब्रह्मलीन संत सत्यमित्रानंद के शिष्य और उत्तराधिकारी आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने बताया कि ब्रह्मलीन गुरुदेव ने अपने जीवन के पचास सालों में वैदिक मूल्य लेकर विश्व भ्रमण कर भारतीय संस्कृति की पताका फहराई। उनका मानना था कि भारत में मिट्टी का एक-एक कण ईश्वरीय सत्ता से उत्पन्न हुआ है। इसलिए वह भारत माता को अपना ईष्ट देव मानते थे। भारत माता मंदिर की स्थापना करके वह भारत माता की अराधना भी करते थे। उन्होंने हमेशा विश्व को शांति व बंधुत्व का संदेश दिया। कहा कि 16 दिन बाद 10 जुलाई को षोडशी दिवस(श्रद्धांजलि सभा) मनाया जाएगा। जिसमे देश विदेश के सभी संत महापुरुष शामिल होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि स्वामीजी सनातन संस्कृति के पुरोधा और विश्व में वैदिक संस्कृति का प्रचार करने में अग्रणी रहे और अल्पायु में ही शंकराचार्य बने और सेवा का धर्म निभाया।

किसने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गरीबों, वंचितों और हाशिए पर पहुंचे लोगों के सशक्तीकरण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए वह गौरव हैं। दिव्य आत्मा को मेरी श्रद्धांजलि। ओम शांति।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी। उन्होंने कई प्रशिक्षण केंद्रो की स्थापना की और सनातन धर्म के संदेश के प्रसार के लिए पूरी दुनिया की यात्रा की।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा, स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी महाराज ने पूरे विश्व में ज्ञान, धर्म और आध्यात्म की पताका फहराकर सनातन संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है। स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी महाराज सनातन धर्म परंपरा के महान संत थे। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनका जाना अपूर्णीय क्षति है। प्रदेश में कल राजकीय शोक रहेगा।  

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