स्वस्थ रहने के लिए योग और सन्तुलित जीवनशैली जरूरी – राज्यपाल

रायपुर
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सोशल मीडिया यूट््यूब पर आनलाईन आयोजित वेबीनार में वर्तमान परिस्थितियों में राजयोग की आवश्यकता विषय पर अपने विचार रखते हुए राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और सन्तुलित जीवनशैली जरूरी है। कोरोना महामारी के बीच योग ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब दुनिया भी यह मान रही है कि योग के प्रयोग एवं सन्तुलित जीवनशैली से हम शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। हमें विपरीत परिस्थितियों में भी मन को स्थिर रखना है।

सुउइके ने कहा कि कोरोना काल में दुनियाभर में डिप्रेशन और मनोरोग में वृद्घि हुई है। मन कमजोर होने से लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए हमें ध्यान रखना है कि तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखा जाए। अपनी क्षमता और इच्छाशक्ति को मजबूत रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन बहुत उपयोगी है। राजयोग मेडिटेशन यानि ध्यान के जरिए अपने आत्मबल को बढ़ाना होगा। इसलिए सभी को योग और ध्यान करना चाहिए। इससे निश्चित रूप से जीवन में सकारात्मक परिणाम दिखेंगे। राज्यपाल ने कहा कि जिसके अन्दर आत्मबल होता है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता है। वह बिमारी से भी बचा रहता है। आत्मबल मजबूत होने से लोग कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी से भी छुटकारा पा जाते हैं। जो काम दवा नहीं कर सकती वह आत्मबल और मनोबल से हो सकता है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महन्त ने ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान राजयोग के माध्यम से पूरे विश्व में शान्ति स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। विश्व के कोन-कोने में इसकी शाखाएं हैं। योग से कर्मों में कुशलता आती है। परमात्मा से शक्ति लेना ही राजयोग है। राजयोग से मन को शान्ति मिलती है। राजयोग मेडिटेशन परमात्मा तक पहुंचने का अच्छा माध्यम है। इस समय पूरा विश्व अशान्त है। ऐसे में हम दुनिया में शान्ति स्थापित करने में सहयोग करें।

जीवन प्रबन्धन विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि योग शब्द का अर्थ होता है जोडऩा। अध्यात्म के सन्दर्भ में आत्मा और परमात्मा का मिलन ही सच्चा योग है। योग सिर्फ शरीर के स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का तरीका है। योग को सिर्फ एक दिन नहीं करें अपितु इसे अपनी दिनचर्या का अंग बनाना होगा। सुबह की शुरूआत अच्छे और श्रेष्ठ विचारों के साथ करना चाहिए। अध्यात्मिक किताबें पढ़ें। शरीर के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूर करें लेकिन मन को स्वस्थ रखने के लिए राजयोगा मेडिटेशन को न भूलें।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया को भय से भर दिया है। निगेटिव विचार हमारे मन को कमजोर बना रहे हैं। इसका हल आध्यात्मिकता में छिपा है। राजयोग से हमें अपने मन को शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बतलाया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान से पूरे विश्व में आज लाखों लोग जुड़े हुए हैं जो कि राजयोग को अपनाकर तनावमुक्त और शान्तिमय जीवन जी रहे हैं। मन की शान्ति के लिए मेडिटेशन के अलावा अन्य कोई दूसरा उपाय नहीं है।

इस अवसर पर माउण्ट आबू से डॉ. श्रीमन्त साहू और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान रायपुर की लोकप्रिय गायिका कु. शारदा नाथ ने सुन्दर आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किया। संचालन ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।

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