स्वदेशी की राह पर चलते हुए नये भारत का करें निर्माण

भोपाल

राज्यपाल लालजी टंडन ने व्यापारियों का आव्हान किया है कि स्वदेशी की दिशा का पालन करते हुए आर्थिक पैकेज के द्वारा जो संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं उनका उपयोग कर नये भारत का निर्माण करें। कोरोना का संकट है, लेकिन गुणवत्ता सुधारने और आर्थिक प्रगति के लिए नया अवसर है। आवश्यकता अपनी शक्ति को पहचानने और नई दिशा पर चलने के संकल्प की है। टंडन आज कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के द्वारा आयोजित वीडियो कांफ्रेंस को राजभवन से सम्बोधित कर रहे थे। कांफ्रेंस में देश के विभिन्न स्थानों के व्यापारी सदस्य उपस्थित थे।

राज्यपाल टंडन ने कहा कि सारी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। देश का नेतृत्व सकारात्मक है। उसकी निगाह सब पर है। आर्थिक पैकेज के साहसिक कदम ने सबको कुछ न कुछ दिया है। आर्थिक पैकेज में अपार संभावनाएँ निहित हैं। किसान, व्यापारी, मजदूर, युवा, महिलाएं, उद्योगों आदि सभी के लिए व्यवस्थाएँ की गई हैं। उन्होंने कहा कि इसका लाभ कैसे लिया जाए, क्या नया किया जाए, वर्तमान व्यापार और व्यवसाय में क्या सुधार कर बढ़ाया जाए, इसका चिंतन करें। संगठन इस दिशा में अपने सदस्यों का नेतृत्व करे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नारी सशक्तिकरण का जो संकल्प किया था, उसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में हमारी बहनों की उपलब्धियों के रूप में दिख रहा है। शहरी और ग्रामीण सभी क्षेत्रों में महिलाएँ लघु और सूक्ष्म उद्योगों में उत्पादन कर रही हैं। कोरोना संकट में विश्व की जो हालत है। उसमें महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता और विकास का नया रास्ता खुला है। आज सरकार महिलाओं के पीछे है। समाज उनके साथ है। देश में खादी, दस्तकारी और हस्तशिल्प की स्वदेशी व्यवस्था कायम है। इसे बढ़ाने का यह उपयुक्त अवसर है। सरकार ने थैली खोल दी है ताकि आप अपना काम बढ़ायें। विश्व में हाथों से बना सामान हाथों हाथ लिया जाता है। यह समय इसके साथ अनुकूलन करने का है।

वीडियो कांफ्रेंस में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने बताया कि 7 करोड़ व्यापारियों की अपैक्स संस्था है, जिससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 40 हजार संस्थान जुड़े हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के अर्थव्यव्स्था को 5 ट्रिलियन बनाने के लिए संगठन द्वारा 50 प्रतिशत महिला आबादी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लोकल को वोकल और ग्लोबल बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों का ई-मार्केट भी शुरू किया जा रहा है, जो नि:शुल्क होगा। व्यापारियों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। उत्पादों के घर पर डिलेवरी की कोशिश भी की जा रही है। कैट मध्यप्रदेश के अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने बताया कि देश में सबसे पहले वर्तमान में डिजिटल पैमेंट से विश्वविद्यालयों को जोड़कर प्रदेश में डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहन देने की पहल राज्यपाल टंडन ने की थी। उन्होंने बताया कि ई-कामर्स पोर्टल पूर्णत: स्वदेशी होगा। जो जून माह में लाँच होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा पोर्टल बनाने के लिए इस वर्ष दिसम्बर माह तक एक करोड़ व्यापारियों को इसमें शामिल किया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंस में देश के विभिन्न राज्यों की महिला उद्यमियों ने अपनी अपेक्षाएँ बताईं।

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