स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद अब कब्रिस्तान पर नहीं बनेगा पार्क

भोपाल
शाहपुरा तालाब के ग्रीन बेल्ट में होने वाले निर्माणों को रोकने के लिए भले ही एनजीटी ने रोक लगायी हो लेकिन यहां पर बनने वाले निर्माणों पर हकीकत में न तो रोक लगी है और न ही उनको हटाने की तैयारी की गयी है। ऐसी हालत में अब नगर निगम वहां पर पांच एकड़ के दायरे में एक एम्यूजमेंट पार्क बनाने की तैयारी की जा रही थी जहां पर पहले बच्चों का कब्रिस्तान हुआ करता था। स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद अब इस योजना को रोका गया है और पार्क के लिए अलग से जगह तलाशी जाएगी।

शाहपुरा तालाब से लगी चूनाभट्टी की तकरीबन पांच एकड़ की जमीन पर इसको बनाने की तैयारी है।  यहां पर आधुनिक झूले और वाटर पार्क बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां पर कैफेअ‍ेरिया और मनोरंजन की अन्य सुविधाओं को भी जुटाया जाएगा। निगम से जुड़े सूत्रों का कहना हैकि इस जगह को पीपीपी मोड पर बनाने की तैयारी की गयी थी ताकि उससे निगम को आय हो सके। पर अब इसमें स्थानीय लोगों के विरोध के कारण जगह को बदलना होगा।

 बच्चों के कब्रिस्तान में चालीस साल पहले कोई नहीं आता था लेकिन अब यहां की जमीन महंगी होने के कारण सबकी निगाहें यहां पर लग गयी हैं। 2016 में इस योजना को बनाया गया था। लेकिन तीन साल में काम कुछ भी नहीं किया गया।  शाहपुरा लेक के पास की जमीन पर इन दिनों कब्जा कर मकान बनाने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर एनजीटी में कई बार शिकायतें भी हो चुकी हैं। लेकिन निगम अभी तक न तो इस अतिक्रमण का सर्वे करा पाया है और न ही उसको हटाने की तैयारी।

शाहपुरा लेक के पास बच्चों के कब्रिस्तान पर पार्क बनाने की योजना के बारे में निगम परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान का कहना है कि इस की दोबारा समीक्षा की जाएगी और उसके लिए दूसरी जगह तलाशी जाएगी। कब्रिस्तानों को बचाने के लिए सबको मिल कर काम करना होगा।

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