स्ट्रेचर मिला नहीं, दो वर्षीय बच्ची को गोद में लेकर दौड़े माता-पिता

लखनऊ
बलरामपुर अस्पताल की इमर्जेंसी में आने वाले मरीजों को न तो स्ट्रेचर मिलता है और न ऑक्सिजन ट्रॉली। मरीज को तीमारदार गोद में लेकर वॉर्ड तक पहुंचा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर ऑक्सिजन ट्रॉली न होने से मरीज के साथ ऑक्सिजन सिलेंडर स्ट्रेचर पर ही रख दिया जाता है।

ठाकुरगंज निवासी दो वर्षीय वैष्णवी को डायरिया होने पर बुधवार दोपहर को बलरामपुर अस्पताल की इमर्जेंसी में लाया गया। यहां डॉक्टरों ने फाइल बनाकर मरीज को वॉर्ड में शिफ्ट करने को कहा। उनके माता-पिता आधे घंटे तक स्ट्रेचर खोजता रहे, लेकिन नहीं मिला। मरीज को फर्स्ट फ्लोर पर ले जाना था। लिहाजा तबीयत बिगड़ने पर पिता ने हाथ में ग्लूकोज लिया और मां ने अपने गोद में मासूम को लेकर रैम्प से वॉर्ड तक पहुंचाया।

वॉर्ड में बेड न खाली होने पर तीमारदार मासूम को गोद में लिए करीब पंद्रह मिनट तक वार्ड में खड़े रहे। नर्स ने एक मरीज को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया तब मासूम को बेड मिला। वहीं, गोलागंज निवासी बुजुर्ग महिला दोपहर तीन बजे इमरजेंसी पहुंची। मरीज ऑक्सिजन सपॉर्ट पर थीं। डॉक्टरों ने मरीज को वॉर्ड में शिफ्ट करवाने को कहा। ऑक्सिजन ट्रॉली न होने की वजह से कर्मचारियों ने मरीज की स्ट्रेचर पर ही ऑक्सिजन सिलेंडर लाद दिया।

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