स्टेडियम निर्माण में गोलमाल, 4 करोड़ के कार्य की गायब हुई फाइल

गरियाबंद
4 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि से निर्मित हुए जिला मुख्यालय स्थित एक मात्र स्टेडियम (इंडोर, आउटडोर) की फाइल नगरपालिका से पिछले एक  साल से गायब हो गई है जिसकी भनक नपा अधिकारियों और कर्मचारियों को अब जाकर लगी है और पूरे मामले में लीपापोती करने के उद्देश्य से आनन फानन में शपथ पत्र बनाकर एफआईआर कराने की कोशिश की गई। परन्तु पुलिस विभाग द्वारा मामले से जुड़ी समस्त जानकारी मिलने पर एफआईआर करने को बात कहे जाने से मामला फिर गोलमाल दिख रहा है।  इस पूरे प्रकरण का जिम्मेदार कौन है एवं किस अधिकारी ,कर्मचारी की लापरवाही के चलते यह घटना घटित हुई इसका कोई ठोस जवाब नगरपालिका के पास नही है।

जिस स्टेडियम की फाइल गायब हुई है उसके निर्माण कार्य और गुणवत्ता को लेकर नपा शुरू से ही सवालों के घेरे में है इसलिये इस कार्य की फाइल का गुम हो जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है। नपा से जुड़े सूत्र जो गोपनीयता बनाये रखने पर बताते हैं कि  4 करोड़  की लागत से निर्मित हुए इस स्टेडियम के निर्माण में भारी भरकम गड़बड़ी हुई है जो कि निर्माण कार्य की जांच होने पर सामने आ जायेगी। इसी डर के चलते फाइल गुमने की बात कही जा रही है और सबसे बड़ी बात की किसी भी अधिकारी और कर्मचारी पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है।

इंडोर स्टेडियम के निर्माण के समय इसमें वुडन कोट के बदले टाइल्स लगा दी गई थी जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों करवा दिया गया था.जिसकी शिकायत होने पर वुडन कोट को लगाने के लिए 35 से 40 लाख रुपये का अलग से नया टेंडर लगाया गया। जबकि पुराने ठेकेदार को वुडन कोट लगाकर देना था.

सीएमओ राजेश्वरी पटेल कहते हैं कि स्टेडियम की फाइल अगस्त 2018 से गुमी हुई है। उस समय सीएमओ जेबीएस चौहान थे मुझे इसकी जानकारी अभी हुई है .फाइल गुमने को लेकर शपथ पत्र बनाकर एफआईआर कराने कहा गया था परंतु विस्तार से जानकारी नही मिलने के कारण एफआईआर नही हो सकी।

सीएमओ जेबीएस चौहान के जाने के बाद और वर्तमान सीएमओ राजेश्वरी पटेल के आने के पूर्व 1 माह के अंतराल मे प्रभारी सीएमओ के तौर पर हरीश मांझी भी रहे है.उनका कहना है कि उन्हें पूर्व सीएमओ चौहान के समय से ही फाइल नही मिली है.वही वर्तमान सीएमओ ने बताया को जैसे ही उन्हें फाइल गुमने की जानकारी हुई उन्होंने पहले विभागीय कर्मचारियों से नोटिस के माध्यम से जानकारी ली जब फाइल किसी के भी पास नही मिली तो उसके गुमने का शपथ पत्र बनाकर उसकी एफआईआर कराने का प्रयास किया गया।  इस संबंध में अपर कलेक्टर के.के.बेहार ने कहा कि इस प्रकरण में जाँच दल बना है जिसमे 4 लोकसेवक है लेकिन जाँच तब शुरू होगी जब रिकार्ड मिलेगा। रिकार्ड नही मिलने पर क्या कार्यवाही होगी यह तो वरिष्ठ अधिकारी ही बता पाएंगे।

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