स्टडी में खुलासा- पर्सनल टीवी से बच्चों पर पड़ रहा है बुरा असर

 
नई दिल्ली 

ऐसा माना जाता है कि बचपन में हम जो आदतें सीखते हैं, उनका अनुसरण जीवनभर करते रहते हैं. आजकल बच्चों में बाहर खेलने की जगह घंटों एक जगह बैठकर टीवी देखने की आदत बढ़ रही है. यूं तो टीवी देखना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन हर चीज की अति बुरी होती है. जिसके भविष्य में बेहद नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.  हाल ही में हुई एक स्टडी में बताया गया कि छोटी उम्र में ज्यादा टीवी देखने से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ता है.

पेडियाट्रिक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक बचपन में ज्यादा टीवी देखने से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा इस स्टडी ने इस बात पर भी जोर दिया कि टीवी देखने की आदत की वजह से बच्चों में जंक फूड की तरफ आकर्षण भी बढ़ रहा है.
बता दें, इस स्टडी के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि अगर बच्चों को छोटी उम्र में ही उनका एक पर्सनल टीवी दे दिया जाए तो इससे उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर क्या असर पड़ेगा. इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने लगभग उन 1859 बच्चों का डेटा लिया जो 1997 से 1998 के बीच में पैदा हुए थे. इसके अवाला उन्होंने 13 साल तक के बच्चों की सेहत का भी एक अध्यन किया.इन बच्चो का अध्यन करते समय कुछ जरूरी पहलुओं पर जोर दिया गया है. उदाहरण के लिए बच्चों का बॉडी मास चेक किया गया, उनकी खाने की आदतों पर गौर किया गया और उनकी टीचर से उनके व्यवहार के बारे में जानकारी भी ली गई. बता दें, बच्चों की संगति भी उनके व्यक्तित्व पर काफी प्रभाव डालती है, इसलिए उस पहलू को भी स्टडी का हिस्सा बनाया गया.

इस व्यापक स्टडी के परिणाम बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं दिखे. स्टडी के मुताबिक जिन घरों में लोगों ने अपने छोटे बच्चों के बेडरूम में उनके लिए एक पर्सनल टीवी लगवा रखा था, उन बच्चों के विकास पर गलत प्रभाव पड़ रहा था. उन बच्चों में भविष्य में हाई बीएमआई, जंक फूड की तरफ रुझान, डिप्रेशन आदि की समस्या देखी गई.

स्टडी की मुख्य शोधकर्ता लिंडा पगानि के अनुसार आप अपने घर पर टीवी कहां रखते हैं, इसका भी आपके बच्चों के जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीवी कभी भी पर्सनल बेडरूम में ना हो और एक तय अवधि तक ही बच्चों को देखने दिया जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *