स्कूलों को मिलेगी LPG गैस, कलेक्टरों को पत्र जारी

भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्जवला योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री कमलनाथ अब प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एलपीजी कनेक्शन देंगे ताकि बच्चों के लिये भोजन पकाने के लिये स्वच्छ और सुलभ र्इंधन की आपूर्ति हो। कनेक्शन हर पचास विद्यार्थियों की संख्या में दिया जायेगा। प्रदेश में एक लाख ग्यारह हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं। कनेक्शन के लिये खाद्य, नागरिक आपूर्ति और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के बीच करार हुआ है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को समय पर सुलभ ढंग से मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने के लिये नया प्लान जारी किया है। सभी जिलों के कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्राथमिक और माध्यमिक शलाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत पका हुआ भोजन स्व सहायता समूहों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिये सरकार सभी शालाओं को एलपीजी कनेक्शन देगा।

विभाग ने निर्णय लिया है कि एलपीजी कनेक्शन शाला प्रबंधन समिति के नाम पर जारी किया जायेगा। प्रत्येक पचास छात्र संख्या पर सिंगल बॉटल कनेक्शन होगा। 51 से 100 की संख्या पर दो कनेक्शन और इसके अलावा प्रत्येक 50 दर्ज छात्र संख्या पर एक कनेक्शन की व्यवस्था रहेगी। कनेक्शन देने के लिये विभाग ने कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।

सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1 लाख 11 हजार से अधिक सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में घरेलू गैस कनेक्शन दिये जायेंगे। इन स्कूलों में 60 लाख से अधिक बच्चे हैं।

गैस कनेक्शन के लिये कलेक्टर द्वारा शाला से निकटतम संबंधित गैस एजेंसियों को आदेश जारी किये जायेंगे। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तर पर उपलब्ध अर्जित ब्याज की राशि में से जिला पंचायत द्वारा शालाओं को गैस कनेक्शन पर होने वाले व्यय की राशि अंतरित की जायेगी। इसलिये शाला प्रबंधन समिति से गैस कनेक्शन की राशि तत्काल भ्रगतान कराया जाये।

विभाग ने कहा है कि एक स्थान पर एक समय में सात से अधिक गैस सिलेंडर  स्व सहायता समूह के स्टोर में नहीं होंगे। गैस सिलेण्डर के भंडारण और सुरक्षा को लेकर रसोइयों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

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