स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम कसने फीस नियामक आयोग सुस्त
रायपुर
स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम कसने फीस नियामक आयोग के गठन की गति बहुत सुस्त पड़ गई है. सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर अब कोरोना संकट ने भी ब्रेक लगाया है. वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री जरूर फीस नियामक आयोग के गठन और पालकों को मनमाने फीस से राहत दिलाने जल्द प्रयास करने की बात कह रहे हैं. मालूम हो कि निजी स्कूलों में फीस पर नियंत्रण करने के लिए फीस वसूली आयोग के गठन की काफी लंबे समय से मांग की जा रही है. पिछली सरकार के समय से ही यह मांग की जा रही थ. अब सरकार बदलने के बाद 1 साल भी इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
मालूम हो कि पहले कांग्रेस सरकार ने ही फीस नियामक आयोग के गठन की बात कही थी. अब नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है. अगर करोना संकट नहीं होता तो सत्र अप्रैल महीने से शुरू भी हो गया होता. लेकिन अभी तक फीस नियामक आयोग का गठन नहीं हो पाया है. रायपुर के श्रीकांत राजपूत का कहना है कि स्कूलों में बहुत ज्यादा फीस वसूला जाता है और उसके एवज में इतनी सुविधाएं नहीं मिलती. ऐसे में फिस नियामक आयोग का गठन बहुत जरूरी है. इस नियामक आयोग द्वारा फीस का निर्धारण करने से निश्चित रूप से हम लोगों को राहत मिलेगी.
हालांकि ऑनलाइन पालकों से सुझाव मांगे गए हैं और 3000 से अधिक सुझाव पालकों द्वारा दिए भी गए हैं. वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का कहना है कि फीस नियामक आयोग के गठन की प्रक्रिया जारी है. दूसरे प्रदेशों के फीस स्ट्रक्चर का भी अध्ययन किया जा रहा है. जल्द गठन हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण जरूर इसमें देरी हुई है लेकिन संभावना है कि इसी सत्र से नियामक आयोग का गठन और स्कूलों की फीस स्ट्रक्चर तय कर दिए जाएंगे.