सौरभ ने हैदराबाद ओपन का खिताब जीता, अश्विनी-सिक्की की जोड़ी उपविजेता रही

हैदराबाद
मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन सौरभ वर्मा ने रविवार को यहां हैदराबाद ओपन बीडब्ल्यूएफ टूर सुपर 100 टूर्नामेंट के पुरूष एकल के फाइनल में सिंगापुर के लोह कीन यियू को हराकर खिताब अपने नाम किया तो वही महिला युगल के फाइनल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी की भारतीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। इस साल मई में स्लोवेनिया अंतरराष्ट्रीय के चैम्पियन बने मध्य प्रदेश के 26 साल के इस खिलाड़ी ने शानदार खेल दिखाते हुए विश्व रैंकिंग में 44वें स्थान पर काबिज कीन यियू को 52 मिनट तक चले मुकाबले में 21-13 14-21 21-16 से हराया। यहां के गाचीबाउली इंडोर स्टेडियम में खेले गये मुकाबले में जीत दर्ज करने के बाद सौरभ ने कहा कि मैं इस सप्ताह अपने प्रदर्शन से काफी खुश हूं। पिछले दौर के मुकाबलों में मैंने संघर्षपूर्ण जीत दर्ज की और फिर फाइनल में भी अच्छा खेल दिखाया। उन्होंने कहा कि पहला गेम जीतने के बाद मैं दूसरे गेम में भी आगे था लेकिन मैच जल्दी खत्म करने की कोशिश में मेरा ध्यान भटक गया। इससे विरोधी खिलाड़ी मुझ पर हावी हो गया और मेरे लिये वापसी करना मुश्किल हो गया। तीसरे गेम में मैंने रणनीति में बदलाव किया और इसका फायदा हुआ। मैं इस सप्ताह के अपने प्रदर्शन से खुश हूं।

अश्विनी और सिक्की की शीर्ष वरीय महिला युगल जोड़ी हालांकि अपना पहला खिताब जीतने में नाकाम रही। भारतीय जोड़ी को बाएक हा ना और जंग क्यूंग युन की कोरियाई जोड़ी ने 21-17, 21-17 से हराया। सौरभ ने अच्छी शुरुआत करते हुए 6-2 और फिर 11-4 की बढ़त कायम कर आसानी से पहला गेम 21-13 से आपने नाम किया।  दूसरे गेम में भी भारतीय खिलाड़ी ने 5-0 की बढ़त कायम की लेकिन कीन यियू ने पहले 10-10 से बराबरी की और फिर 14-13 की बढ़त हासिल की। कीन यियू ने इसके बाद लगातार पांच अंक बनाकर भारतीय खिलाड़ी को इस गेम में वापसी का मौका नहीं दिया। एक-एक गेम अपने नाम करने के बाद दोनों खिलाड़यिों के बीच तीसरे गेम में कड़ा मुकाबला हुआ जिसमें ब्रेक के समय सौरभ 11-10 की बढ़त हासिल करने में सफल रहे। ब्रेक के बाद वह कीन यियू पर बढ़त के फासले को अधिक करने में सफल रहे और 21-16 की जीत के साथ चैम्पिय बने। पिछले साल डच ओपन सुपर 100 और रूस ओपन सुपर 100 कर खिताब अपने नाम करने वाले सौरभ ने कहा कि वह उनके पास कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती है और वह इन टूर्नामेंटों में अपने खर्चे पर खेलते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई प्रायोजक या मदद नहीं है। राष्ट्रीय चैम्पियन बनने के बाद भी कुछ नहीं बदला। मैं अब भी टूर्नामेंटों में खेल रहा हूं लेकन उन बातों को सोचने का कोई फायदा नहीं जो आपके हाथ में नहीं हो। मैं फिट रह कर अपने खेल पर ध्यान देना चाहता हूं। भविष्य की प्रतियोगिताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं सितंबर में चीनी ताइपे ओपन (सुपर 300) और वियतनाम ओपन (सुपर 100) में खेलूंगा।

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