सौरभ गांगुली ने कहा विराट कोहली हैं बेहतरीन कप्तान

नई दिल्ली 
भारतीय टीम के कप्तान सौरभ गांगुली ने विराट कोहली की कप्तानी की तारीफ की है और कहा है कि वह टेस्ट में सबसे सफल भारतीय कप्तान के मामले में धोनी को पीछे कर देंगे। कोहली ने हाल ही में कप्तान के तौर पर धोनी के सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने के रिकार्ड की बराबरी की है और वह आसानी से इस रिकार्ड को अपने नाम करते दिख रहे हैं। भारतीय टीम इस समय किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच खेल रही है और अगर इस मैच में वह जीत हासिल कर लेती है तो कोहली टेस्ट में भारत के सबसे सफल कप्तान बन जाएंगे। गांगुली ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘कोहली बेहतरीन कप्तान हैं और वह दिन ब दिन बेहतर होते जा रहे हैं। आईपीएल में उनकी काफी आलोचना हुई थी, लेकिन इसके बाद भी मैंने कहा था कि मुझे उनकी कप्तानी पर भरोसा है। उन्होंने विश्व कप में अच्छी कप्तानी की थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम सेमीफाइनल में हार गए, लेकिन मुझे लगता है कि एक कप्तान के तौर पर वह आगे बढ़े हैं।’ 

गांगुली ने साथ ही कहा कि ऋषभ पंत बेहतरीन खिलाड़ी हैं और भारत को उनके साथ धैर्य रखना होगा। पूर्व कप्तान ने कहा, ‘पंत, धोनी नहीं है न ही वो अगले 3-4 साल में धोनी बन जाएंगे। धोनी आज जो हैं वो बनने में 15 साल लगे हैं। धोनी भारतीय क्रिकेट में विशेष खिलाड़ी हैं। पंत भी विशेष हैं। उनका टेस्ट में रेकॉर्ड शानदार है।’ गांगुली ने कहा कि जब धोनी को हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज के लिए नहीं चुना गया तो इससे वे हैरान नहीं थे। गांगुली ने कहा, ‘मैंने उम्मीद नहीं की थी कि उनका चयन होगा।’ गांगुली ने कहा कि वेस्ट इंडीज दौरे पर पंत का चुनना बताता है कि टीम प्रबंधन उनके अंदर भविष्य देख रहा है। बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘टीम प्रबंधन पंत के साथ जाना चाहता है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्हें विंडीज दौरे के लिए चुना है। यह उसी तरह है जब धोनी युवा था और उनको मौका दिया गया था।’ 

गांगुली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धोनी का भविष्य कोहली और टीम प्रबंधन के हाथ में है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि विराट इस स्थिति में काफी अहम हैं। वह धोनी से क्या बात कर रहे हैं यह कहना मुश्किल है और मुझे नहीं लगता कि इसमें किसी को कूदना चाहिए और अपना बयान देना चाहिए। मैंने हमेशा से कहा है कि चाहे डिएगो माराडोना, पीट सैम्प्रास, सचिन तेंडुलकर, मैं या धोनी, कोई भी हो हर कोई उस दौर में आता है जब उसे इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है।’ 

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