सोनिया गांधी के ‘आर-पार’ वाले बयान पर बीजेपी का वार, जावड़ेकर बोले- दो महीने से हो रही थी हिंसा की तैयारी

 नई दिल्ली 
दिल्ली हिंसा पर बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि ये दो दिन की हिंसा नहीं है दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है। नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद रामलीला मैदान में सोनिया जी की रैली हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि ये आर- पार की लड़ाई है, फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार। उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ। 

बीजेपी नेताओं के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि देश जितना उनका है उतना देश के मुसलमानों का भी है। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत के मुसलमान मेरे भाई है उन पर चिपटे की भी कोई आंच नहीं आने देंगे। जावड़ेकर ने कहा कि यह हमारे नेताओं के अधिकारिक बयान हैं। अगर किसी और ने कोई बयान दिया है और कोर्ट कानून के अनुसार कार्रवाई करेगा। 

जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली की हिंसा गलत बयानबाजी की वजह से हुई है। 1984 में राजीव गांधी ने कहा था एक पेड़ हिलता है तो कई पत्ते गिरते हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि सीएए को लेकर यह आर या पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि आप पार्षद ताहिर पर पहले भी हिंसा का आरोप लगा है। 20 दिसंबर की हिंसा के मामले में एफआईआर में उनका नाम भी है। ताहिर के घर में असलहा मिला है जिससे पता चलता है कि दंगे की तैयारी थी। इस पर 'आप' और कांग्रेस चुप है। 'आप' विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि सीएए आने से आपको टोपी पहनना मना हो जाएगा। शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी नारे लगाना और 100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी पड़ेगे वाले बयान दिल्ली हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री दंगाग्रस्त क्षेत्रों में जाने की बजाय विधानसभा में इन दंगों में मरने वालों का मजहब बता रहे हैं। कल सोनिया जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आज राष्ट्रपति के दरवाजे पर पहुंचे और वहां भाजपा पर दोषारोपण कर रहे हैं। उन्होंने कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में सोनिया जी ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है, फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार। प्रियंका ने कहा कि लाखों को बंदी बनाया जायेगा, जो नहीं लड़ेगा वो कायर कहलाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि आप डरो मत कांग्रेस आपके साथ है। 

जावड़ेकर ने कहा कि किसी की नागरिकता नहीं जानी है, ये जानते हुए भी जान बूझकर ऐसी गलत बयानी और डर पैदा करना ही इसकी पृष्ठभूमि है। उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ।

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