सोनभद्र हिंसा को लेकर प्रियंका गांधी का सियासी ऐक्शन, क्या कांग्रेस का है इंदिरा प्लान?

नई दिल्ली/सोनभद्र
यूपी के सोनभद्र जिले में 10 लोगों की हत्‍या के बाद उनके परिवार से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मिर्जापुर में रोक लिया गया। नाराज प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गईं। प्रियंका के सोनभद्र दौरे के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही थी। यह तस्वीर प्रियंका की नहीं, बल्कि उनकी दादी इंदिरा गांधी की बिहार के बेलची दौरे की है। 42 साल पहले 11 दलितों के नरसंहार के बाद इंदिरा हाथी पर बैठकर पीड़ितों से मिलने गई थीं। कांग्रेस नेता और उनके समर्थक इस तस्वीर को जमकर शेयर कर रहे हैं।

दरअसल प्रियंका और इंदिरा की तस्वीर में एक चीज बड़ी कॉमन है, जो कांग्रेसियों में एक उम्मीद बांध रही है। लोकसभा चुनाव में करारी हार और राहुल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस 42 साल पुराने हताशा के पलों से गुजर रही है। तब इमर्जेंसी के बाद जनता पार्टी की आंधी ने इंदिरा को सत्ता से उखाड़ फेंका था और कांग्रेस 154 सीटों पर जा सिमटी थी। इंदिरा अपनी सीट तक नहीं बचाई पाई थीं। बेलची दौरे के बाद इंदिरा कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने में कामयाब रही थीं। प्रियंका के तेवरों से भी कांग्रेसियों को इस चमत्कार की उम्मीद दिख रही है।

दरअसल, 1977 में कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर थी और तब बिहार के बेलची गांव में 11 दलितों के नरसंहार के बाद इंदिरा गांधी पीड़ितों से मिलने पहुंची थीं। वह दौरा काफी मुश्किलों से भरा था। तब बाढ़ आई थी पर उसकी परवाह किए बगैर इंदिरा गांधी हाथी पर सवार होकर पीड़ितों से मिलने पहुंची थीं। एक इंटरव्यू में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने बताया था, 'उन्हें बताया गया कि वहां गाड़ी नहीं जा सकती है तो इंदिरा बोलीं कि हम पैदल जाएंगे चाहे वहां पहुंचने के लिए रातभर पैदल क्यों न चलना पड़े। पहले वह जीप से गईं। वह कीचड़ में फंस गई तो फिर उन्होंने ट्रैक्टर का सहारा लिया। वह भी कुछ दूर जाकर फंस गया तो बाढ़ के पानी में इंदिरा हाथी पर सवार होकर पीड़ितों के पास पहुंची थीं।'

हाल में सोनभद्र में हुई हिंसा के दौरान 10 लोगों की मौत की खबर आई तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात का प्लान बनाया। वाराणसी से मिर्जापुर पहुंचते ही शुक्रवार को उन्हें धारा 144 की बात बताते हुए प्रशासन ने सोनभद्र जाने से रोक दिया। 24 घंटे तक वह मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस पर डटी रहीं। रातभर उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा रहा। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, बड़े नेताओं और प्रवक्ता समेत देशभर के कार्यकर्ताओं ने एकजुटता जाहिर की। कई शहरों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए।

पिछले 24 घंटों में प्रियंका को सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त सपॉर्ट मिला। उनकी तस्वीर को इंदिरा गांधी की तस्वीर के साथ शेयर किया जा रहा है। एक तस्वीर में जमीन पर इंदिरा गांधी बैठी दिखती हैं तो दूसरी तस्वीर प्रियंका की है जो पीड़ितों से मिलने की मांग के लिए उनके धरने की है।

प्रियंका के इस एक कदम से कांग्रेस समर्थकों में जैसे जान सी आ गई है। तब इंदिरा गांधी ने गरीब पीड़ित परिवारों से मिलकर ढांढस बंझाया था और ऐसा माना जाता है कि बेलची की इस यात्रा के बाद से इंदिरा गांधी की फिर से सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ था। बेलची गांव बिहार के नालंदा जिले में है।

कांग्रेस के एक नेता ने ट्विटर पर लिखा, 'सालों पहले जब गरीब पीड़ित थे तब इंदिरा गांधी बेलची पहुंचीं थी और अब गरीबों के साथ कौन खड़ा है- प्रियंका गांधी।' सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी ट्रेंड कर रही हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि प्रियंका गांधी ने जो किया, राहुल गांधी इसमें फेल रहे। प्रियंका लगातार ट्विटर पर सक्रिय हैं। उन्होंने कई तस्वीरें और विडियो भी पोस्ट किए हैं और यूपी की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।

आपको बता दें कि अगले कुछ महीनों में हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टियों ने इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ऐसे में कांग्रेस भले ही अध्यक्ष पद को लेकर आंतरिक संकट से जूझ रही हो पर प्रियंका गांधी की कोशिश है कि पार्टी के जनाधार को फिर से मजबूत किया जाए। पिछले दिनों कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर कहा था कि अध्यक्ष को लेकर संकट से कार्यकर्ताओं में हताशा बढ़ रही है। ऐसे में प्रिंयका के इस एक कदम से कार्यकर्ताओं का मनोबल जरूर बढ़ता दिख रहा है।

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