सोनभद्र गोलीकांडः प्रताड़ित किये जा रहे हैं निर्दोष आदिवासी : प्रियंका 

उभ्भा (सोनभद्र) 
दस आदिवासियों की हत्या के बाद से सियासी संग्राम का मैदान बन चुके सोनभद्र के उभ्भा गांव में मंगलवार की दोपहर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंचीं। पीड़ितों के परिजनों से एक घण्टे से ज्यादा समय तक बातचीत करने के बाद भाजपा सरकार पर एक बार फिर हमला बोला। प्रियंका ने कहा कि जो लोग पीड़ित हैं, उन्हें ही प्रताड़ित किया जा रहा है। 80 से 90 निर्दोष लोगों पर फर्जी मुकदमे लाद दिए गए हैं। महिलाओं पर भी गुंडा एक्ट लगाया गया है।

17 जुलाई को हुई गोलीबारी के दो दिन बाद भी प्रियंका ने उभ्भा गांव जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर 24 घण्टे तक चुनार के किले में नजरबंद कर दिया गया था। बवाल बढ़ने पर कुछ पीड़ितों के परिजनों को किले में लाकर ही प्रियंका से मिलवाया गया था। किले में ही प्रियंका ने जल्द उभ्भा आकर सभी पीड़ितों से मिलने का वादा किया था। उसी वादे के तहत प्रियंका मंगलवार को यहां पहुंची थीं। 
 
गोलीबारी में घायल रामलक्षन को उसकी झोपड़ी में जाकर मिलने के बाद प्रियंका ने कहा कि इतना बड़ा कांड हुआ है फिर भी लोगों की सुध नहीं ली जा रही है। सरकार भाजपा की है इसलिए जिम्मेदारी भी उनकी है। उनको इनका दुख देखना है। इनकी समस्या सुलझानी है। प्रियंका ने कहा कि सरकार तत्काल इन मुकदमों को वापस ले। ये लोग पहले से प्रताड़ित हैं, इन्हें और प्रताड़ित न किया जाए। एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने सीएम योगी पर पलटवार करते हुए कहा कि आरोप लगाना  भाजपा की आदत है।

कश्मीर पर संविधान का हनन हुआ

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने धारा 370 पर नेताओं के अलग अलग बयान पर कहा कि कांग्रेस की राय बिल्कुल स्पष्ट है। कश्मीर पर जो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी उसके स्टेटमेंट में सबकुछ साफ-साफ लिखा है। प्रियंका ने कहा कि जो हुआ है वह संविधान को नकारा गया है। कांग्रेस ने हमेशा संविधान के लिए और लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है। हम उस लड़ाई को लड़ते रहेंगे। 

सिंधिया के बयान पर प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के वह भी सदस्य हैं। स्टेटमेंट में उनका भी हस्ताक्षर है। कांग्रेस में हर किसी को अपनी बात कहने की आज़ादी है। यहां हर राय पर चर्चा होती है। भाजपा की तरह आवाजों को दबाया नहीं जाता है। हर मुद्दे पर सभी लोग अपनी राय रखते हैं। उस पर चर्चा होती है। विचार विमर्श होता है फिर एक राय पर सहमति बनती है।

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