अंतरविभागीय समन्वय से हम जीत सकते हैं कुपोषण की जंग : CM योगी

 लखनऊ 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विभिन्न विभाग अगर बेहतर तालमेल से काम करें तो कुपोषण के खिलाफ जंग जीती जा सकती है। इसके लिए डीएम आज और अभी से अपने-अपने जिले के लिए कार्ययोजना बनाकर उसे प्रभावी तरीके से लागू करें। इसकी नियमित निगरानी करें, कार्ययोजना की प्रभावी निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उन्होंने कहा कि मानदेय बढ़ाने के बाद भी अगर आंगनबाढ़ी कार्यकर्ता आंदोलन करती हैं तो जिलाधिकारी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। 

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय पोषण माह की तैयारियों को लेकर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग समेत अन्य विभागों और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि अंतरविभागीय समन्वय से हम बहुत लक्ष्यों को एक साथ प्राप्त कर सकते हैं। यह अभियान हमें गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाना है तो साक्षारता के लिहाज से भी स्कूल चलो अभियान के साथ इसको जोड़ें। नामांकन की प्रक्रिया के चलते हम बच्चों को इस अभियान के तहत जोड़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक बड़ा कार्य विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद इस बात को सुनिश्चित करें कि जिन जनपदों में बेसिक शिक्षा अधिकारी अभी तक नियुक्त नहीं हो पाए हैं वहां पर तत्काल उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता और शुद्ध पेयजल कुपोषण को खत्म करने का सबसे प्राथमिक आधार है। सभी विभाग शुद्ध पेयजल को लेकर जागरुकता अभियान चलाएं और आमजन को जागरूक करने का काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मार्केट से जार का पानी लाकर हम पी रहे हैं तो हम अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि उसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है। मुख्यमंत्री ने लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए जागरुक करने का निर्देश दिया। उन्होंने अपील कि लोग हैंडपंप का पानी पीएं इसके साथ ही जो भी मौजूद जल है उसे हमेशा गर्म कर उसे ठंडा करके पीने को कहा ताकि इन बीमारियों पर रोक लगाई जा सके। 
पोषण अभियान की शुरुआत स्वच्छता और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के माध्यम से ही हम इसे सफल कर सकते हैं। इसको लेकर व्यापक अभियान चलाएं, ग्राम पंचायत, मलिन बस्तियों में व्यापक पैमाने पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जवाबदेही तय की जाए। सीडीपीओ और आंगनबाढ़ी वर्कर को नियंत्रित करने वाली संस्थाएं हैं ये लोग उस पर निरंतर निगरानी रखें और इन कार्यों को सुनिश्चित करें। इसके साथ ही हर स्तर के अधिकारी, विभागीय मंत्री, फील्ड में जाकर इसकी मॉनिटरिंग करें। जनपद स्तर के अधिकारी भी इसकी निरंतर समीक्षा करें। साथ साथ जो भी इन अलग अलग संस्थायों को निर्मित करने वाले हमारे जनपद स्तरीय, विकास खंड स्तर के अधिकारी या कर्मचारी हैं वे लोग फील्ड में विजिट करके इस पोषण माह के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दें।

इन कार्यक्रमों की समीक्षा जो हमारे जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी गण हैं, प्रभारी मंत्री है वे लोग भी जनपद स्तर पर इसकी समीक्षा करें। किसी आंगनबाढ़ी या किसी ऐसी बस्ती का भी निरीक्षण करें जहां पर इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।  बैठक में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री स्वाति सिंह, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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