सूर्य ग्रहण पर अंधविश्वास की सारी हदें पार

 नई दिल्ली 
एक ओर देश के अधिकतर हिस्से सूर्य ग्रहण के गवाह बन रहे थे, वहीं कर्नाटक स्थित कलबुर्गी जिले के सुल्तानपुर गांव में चार बच्चों को कीचड़ में गले तक जिंदा गाड़ दिया गया। कीचड़ में गोबर को भी मिलाया गया। उनके माता-पिता ने यह अमानवीय कृत्य इसलिए किया, ताकि बच्चों की दिव्यांगता दूर हो सके।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कुछ स्थानीय लोगों के साथ उन्होंने बच्चों को बाहर निकाला। फिलहाल, मामले की जांच चल रही है। एक बच्ची के पिता ने पुलिस को कहा कि वे अपने बड़ों की बात का अनुसरण कर रहे थे। जब चिकित्सा उपचार से कोई फायदा नहीं हुआ तो उन्होंने इसे आजमाने का फैसला किया। 

हालांकि, उन्हें यह पता नहीं है कि इससे बच्चा ठीक होगा या नहीं।  एक अन्य बच्चे की मां ने कहा कि हमने अस्पतालों में बहुत पैसे खर्च किए। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान दिव्यांग बच्चे को कीचड़ में गले तक दबाना कारगर साबित होता है। हम इसे आजमाना चाहते थे। उधर, जिले के कुछ अन्य हिस्सों से भी ऐसी ही घटनाओं की खबर मिली है। इनमें विजयपुरा जिले का इंडी इलाका भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि पहले भी सूर्य ग्रहण के दौरान इलाके से ऐसी ही घटनाओं की खबरें मिलती रही हैं। हालांकि, पहले के मुकाबले अब इनकी तादाद कम हो गई है।

पाकिस्तान में भी अंधविश्वास
भारत ही नहीं, पाकिस्तान में भी सूर्य ग्रहण को लेकर इस तरह का अंधविश्वास देखा गया। कराची में गुरुवार को समुद्र के किनारे किचड़ युक्त मिट्टी में एक दिव्यांग शख्स को गर्दन तक दबा दिया गया। लोगों को उम्मीद है कि सूर्य ग्रहण के दौरान बीमार लोगों को इस तरफ दफनाने से उनकी बीमारी ठीक हो जाएगी।

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