सुशांत सिंह राजपूत: ‘सितारों’ के पास चला गया कम उम्र में ही शोहरत पाने वाला पूर्णिया का हीरो
पूर्णिया
सुशांत सिंह राजपूत! आखिरकार 'सितारों' के पास चला गया पूर्णिया का हीरो। मुंबई में खुदकुशी करने वाले बॉलीवुड सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का बिहार के पूर्णिया और खगड़िया जिले से गहरा नाता है। कम उम्र में ही शोहरत पाने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गांव पूर्णिया में बड़हरा कोठी(बीकोठी) स्थित मलडीहा में है वहीं उनका खगड़िया में ननिहाल है और 17 वर्ष बाद वो मई 2019 को पूर्णिया आए थे। धारावाहिक पवित्र रिश्ता से बॉलीवुड में एंट्री करने वाले बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने दिल बेचारा है, छिछोरे, ड्राइव, काय पो चे, शुद्ध देसी रोमांस, पीके, धोनी, बद्रीनाथ में दमदार अभिनय से अपनी धाक जमाने वाले सुशांत सिहं राजपूत 17 साल बाद मई 2019 को बिहार आए थे।
पूर्णिया जिला के बीकोठी उनका पैतृक गांव है। उनकी पढ़ाई लिखाई बाहर ही हुई। 17 वर्षों के बाद वह मई 2019 में पैतृक गांव आए थे। पैतृक गांव आने पर अपने रिश्तेदारों और बचपन के दोस्तों से मिले थे। उन्होंने भोले बाबा का प्रसिद्ध मंदिर बरूणेश्वर स्थान में अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना की थी। उनके साथ उनके पिता कृष्ण कुमार सिंह, उनके बड़े भाई नीरज कुमार बबलू, चाचा रामकिशोर सिंह आदि भी थे। उनकी एक झलक पाने को गांव के लोग बेताब हो गए थे। गांव आने पर खेत खलिहान के अलावा आम के बगीचा में भी गए थे। उन्होंने बचपन के दोस्तों के साथ फोटो खींचवाई थी। यहां वे अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने के बाद वे अपने परिवार के साथ मुंडन कराने ननिहाल खगड़िया निकल गए थे। खगड़िया जिले के बोरने स्थित भगवती मंदिर पहुंचे। नाव से बागमती नदी पार अभिनेता अपनी ननिहाल गांव बोरने स्थान पहुंचे थे। बोरने पहुंचे अभिनेता सबसे पहले माता भगवती मंदिर पहुंचे। मंदिर पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने माता का दर्शन किया। फिर ननिहाल स्थित घर में जाकर कुल देवी का आशीर्वाद लिया। उसके बाद फिर मंदिर पहुंचकर समाजिक और हिन्दू रीति रिवाज से उनका मुंडन संस्कार किया गया। हालांकि उनका एक ही लट (बाल) काटा गया था। सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनकर पूर्णिया जिला के लोग स्तब्ध रह गए। अभी भी किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि पूर्णिया का हीरो अब नहीं रहा।