सुरेश रैना ने कोविड-19 से लड़ने के लिए डोनेट किए 52 लाख रुपये, PM मोदी ने की तारीफ

 नई दिल्ली 
भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना ने शनिवार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के लिए 52 लाख रुपये दान में दिए और इस संकट की घड़ी में अन्य से भी योगदान का आग्रह किया। अभी तक जितने भी भारतीय खिलाड़ियों ने कोविड-19 से निपटने के लिए दान दिया है, यह उनमें सबसे ज्यादा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैना की इस मदद के लिए उनकी जमकर तारीफ की है। 

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- यह एक शानदार फिफ्टी है। रैना से पहले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को इस महामारी से लड़ने के लिए 50 लाख रुपये दिए थे। रैना से पहले भारतीय क्रिकेटर ईशान किशन ने जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ढाई लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए हैं। सौरव गांगुली भी जरूरतमंदों के लिए 50 लाख रुपये का चावल दान कर चुके हैं।
 
सुरेश रैना ने ट्वीट किया, ‘‘यही समय है जब हमें कोविड-19 को हराने में मदद के लिए अपना योगदान करना चाहिए। मैं 52 लाख रुपये कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दे रहा हूं (31 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष और 21 लाख रुपये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आपदा राहत कोष को)। कृप्या आप भी कुछ योगदान कीजिये। जय हिंद। ’’

  
भारत की सबसे अमीर खेल संस्था बीसीसीआई ने शनिवार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रुपये दान में दिए। इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है. जिससे दुनिया भर में करीब 25,000 लोगों की जान जा चुकी है। भारत में अब तक 19 लोगों की मौत हो गयी है जबकि 1000 के करीब लोग इससे संक्रमित हैं।

बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाईयों ने भी इसमें योगदान दिया है। बीसीसीआई की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, मानद सचिव जय शाह और अन्य अधिकारियों ने शनिवार को मान्यता प्राप्त संघों के साथ मिलकर देश की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने और भारतीय नागरिकों की रक्षा करने तथा कोविड-19 से निपटने के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में योगदान देने के लिए प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष में 51 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की।’’

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बता दें कि बीसीसीआई के सबसे बड़े टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग को भी 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि इसे रद्द किया जा सकता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कोरोना वायरस का प्रकोप स्वास्थ्य आपात स्थिति है और बीसीसीआई का संकल्प है कि राष्ट्र को परीक्षा की इस घड़ी का सामना करने के लिए हर संभव मदद मिलेगी। ’’ पुडुचेरी और हैदराबाद पृथक केंद्र तैयार करने के लिए पहले ही अपने स्टेडियम देने की पेशकश कर चुके हैं और बीसीसीआई ने राज्य संघों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
 
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार चाहेगी तो वे ईडन गार्डन्स की सुविधायें मुहैया करा सकते हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बोर्ड अपने राज्य संघों के साथ केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और अन्य राज्य नियामक संस्थाओं के साथ काम करना जारी रखेगा और विपरीत परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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