सुन्नी सोशल फोरम की अपील, बकरीद पर न दें जानवर की कुर्बानी

 
नई दिल्ली 

लखनऊ में सुन्नी सोशल फोरम ने बकरीद पर बकरे न काटने का प्रस्ताव पास किया है. बकरीद पर फोरम के सदस्य बकरे के आकार का केक काटेंगे. इस कार्यक्रम में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद भी मौजूद रहे. इस दौरान मेयर और स्वामी ने जीव हत्या को गलत बताया और बिना जीव हत्या के बकरीद मनाने की वकालत की.

नेहरू युवा केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में सुन्नी सोशल फोरम (लखनऊ) के अध्यक्ष ठाकुर राजा रईस ने कहा कि हमारे गेस्ट ने जीव हत्या को पाप बताया और इसके कई साइंटिफिक कारण भी बताए. इस वजह से जीव हत्या नहीं करनी चाहिए. इस बार बकरीद पर फोरम के सदस्य बकरे के आकार का केक काटेंगे.

बकरीद या ईद-उल-अजहा 12 अगस्त को है. इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान में बकरीद का स्पष्ट वर्णन मिलता है. ऐसा बताया जाता है कि अल्लाह ने एक दिन हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी. हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया. अल्लाह का हुक्म मानते हुए हजरत इब्राहिम ने अपनी आंख पर पट्टी बांधकर अपने बेटे की कुर्बानी दे दी. लेकिन जब उन्होंने पट्टी खोली तो उनका बेटा जिंदा था और वहां एक बकरे की गर्दन उसके शरीर से अलग पड़ी थी. तभी से इस्लाम में बकरीद मनाने का प्रचलन शुरू हो गया.

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