सुचित्रा सेन की एक्टिंग की दिलीप कुमार भी करते थे तारीफ

 
नई दिल्ली     

सिने जगत में तीन दशक तक राज करने वाली सुचित्रा सेन की आज बर्थ एनिवर्सिरी है. उनकी खूबसूरती और अदाकारी के दिलीप साहब भी कायल थे. सुचित्रा का जन्म 6 अप्रैल, 1931 को पवना (अब बांग्लादेश) में हुआ था. 17 जनवरी, 2014 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनका असली नाम रोमा दासगुप्ता है लेकिन फिल्मी दुनिया में वे सुचित्रा के नाम से फेमस हुईं. उनके पिता करुणोमय एक स्कूल में हेड मास्टर थे. सुचित्रा ने अपना फिल्म करियर 1952 में फिल्म शेष कोथाय से शुरू किया था. उन्होंने देश में ही नहीं विदेश तक में अपनी पहचान बनाई थी. सुचित्रा पहली भारतीय अभिनेत्री थीं, जिन्हें अपने अभिनय के लिए किसी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड से नवाजा गया था.

ऐसे मिली थी पहली हिंदी फिल्म-

सुचित्रा ने पहली हिंदी फिल्म दिलीप कुमार के साथ देवदास की की थी. डायरेक्टर बिमल राय के निर्देशन में बनी यह फिल्म 1955 को रिलीज हुई थी. इसमें उन्होंने पारो का रोल प्ले किया था. फिल्म के लिए बिमल की पहली पसंद मीना कुमारी थी लेकिन उन दिनों कई फिल्मों में काम कर रही थी जिससे वे डेट्स नहीं दे पा रही थी. इसके बाद विमल मुधबाला को कास्ट करना चाहते थे लेकिन दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच खटपट चल रही थी इसके चलते यह फिल्म सुचित्रा को मिल गई.

इस फिल्म के मिला विदेश में अवॉर्ड

सुचित्रा सेन की 1963 में बांग्ला फिल्म सात पाके बांधा रिलीज हुई थी जो कि सुपरहिट साबित रही. उन्हें इस फिल्म के लिए मास्को फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म एक्ट्रेस के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में पहला मौका था जब किसी भारतीय एक्ट्रेस को विदेश में पुरस्कार मिला. 11 साल बाद इसी फिल्म को 1974 में हिंदी में कोरा कागज के नाम से बनाया गया था. जिसमें फीमेल लीड का रोल जया बच्चन ने किया था. सुचित्रा ने सिर्फ 7 हिंदी फिल्मों में काम किया था जबकि उन्होंने 53 बांग्ला फिल्मों में काम किया था.

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