सीमा पर भारी हथियारों को किया तैनात, लद्दाख में तनाव के बीच चीन ने फिर किया युद्धाभ्यास

 
पेइचिंग

लद्दाख सीमा पर जारी तनाव को लेकर शनिवार को ही कोर कमांडर लेवल की बातचीत और आज चीन का दोहरा चरित्र फिर से दुनिया के सामने आ गया। बातचीत में चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक महीने से जारी तनाव को विभिन्न स्थापित तंत्रों के जरिए शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर सहमति जताई, लेकिन दूसरी तरफ वह सेना को युद्धाभ्यास भी करवा रहा है। चीन आधिकारिक तौर पर तो शांति की बात करता है तो अपनी सरकारी मीडिया के जरिए सैन्य युद्धाभ्यास की तस्वीरें और वीडियो जारी कर दबाव की रणनीति पर भी कायम दिखता है। इसी दोहरे रवैये ने चीन के लिए दुनियाभर में विश्वसनीयता का संकट खड़ा कर दिया है, लेकिन उसकी नजर ही नहीं खुल रही।

ग्लोबल टाइम्स ने दी जानकारी
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने मध्य चीन के हुबेई प्रांत से चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव के बीच ऊंचाई वाले उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों के साथ बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। इस दौरान भारत से लगती सीमा पर युद्ध के समय तेजी से भारी हथियार और सैन्य साजोसामान पहुंचाने की तैयारियों को परखा गया।

चीनी एयरफोर्स ने सीमा के पास पहुंचाए पैराट्रूपर्स
चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को कुछ ही घंटों में पूरा कर लिया गया। जिसमें जरुरत पड़ने पर सीमा सुरक्षा को जल्द से जल्द मजबूत करने की चीन की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) ने बताया कि शनिवार को भारत से लगती सीमा के पास एक अज्ञात स्थान पर पीएलए वायु सेना के एयरबोर्न ब्रिगेड ने कई हजार पैराट्रूपर्स को सिविलियन एयरलाइंस, लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्टेशन चैनल और ट्रेनों के जरिए जल्द से जल्द तैनात किया गया।

हुबेई प्रांत में चीनी सेना ने उतारे टैंक-तोप
चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने कहा कि हुबेई प्रांत इस साल के शुरुआत में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था लेकिन अब यहां संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है। इसलिए सैनिकों को यहां युद्धाभ्यास के लिए उतारा गया है। चीनी थलसेना के रविवार को किए गए युद्धाभ्यास में सैकड़ों बख्तरबंद वाहन, टैंक, तोप और मिसाइल ब्रिगेड को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनात किया गया।

1 जून को तिब्बत में किया था युद्धाभ्यास
बता दें कि चीनी सेना ने 1 जून को भी तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात के घने अंधेरे में युद्धाभ्यास किया था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने सोमवार देर रात 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सेना भेजी और कठिन हालात में अपनी क्षमता का परीक्षण किया था।

अंधेरे में किया शक्ति परीक्षण
चीन सेंट्रल टेलिविजन (CCTV) के मुताबिक सोमवार रात 1 बजे PLA की स्काउट यूनिट ने तांगुला पहाड़ी की ओर बढ़ना शुरू किया। मार्च के दौरान गाड़ियों की लाइटें बंद रहीं और नाइट विजन डिवाइस की मदद ली गई ताकि ड्रोन से बचा जा सके। रास्ते में आने वाली रुकावटों को पार करके ड्रोन की मदद से विस्फोट किए गए। टार्गेट के करीब पहुंचकर कॉम्बैट टेस्ट भी किया गया जिसके लिए स्नाइपर यूनिट को आगे भेजा गया। साथ ही फायर स्ट्राइक टीम ने हल्के हथियारों वाली गाड़ियों को ऐंटी टैंक रॉकेट से उड़ाया।
 

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