सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की सीवीसी ने तीन मामलों में पाई थी गलत भूमिका

  नई दिल्ली
सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की भूमिका को केंद्रीय सतर्कता आयोग ने तीन मामलों में संदिग्ध पाया था। बीते साल सीवीसी ने अपनी जांच में मोइन कुरैशी मामले में सीबीआई अफसरों की घूसखोरी, आईआरसीटीसी स्कैम की एफआईआर से एक मुख्य संदिग्ध का नाम हटाने और दागियों की एजेंसी में भर्ती के मामले में आलोक वर्मा की भूमिका को गलत पाया था। अब तक जारी नहीं की गई इस रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने का फैसला लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जस्टिस एके पटनायक की निगरानी में आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी को जांच का आदेश दिया था। सीबीआई के तत्कालीन स्पेशल डायरेक्टर के वर्मा पर लगाए आरोपों के बाद शीर्ष अदालत ने यह फैसला दिया था। अस्थाना ने वर्मा पर 10 आरोप लगाए थे और कैबिनेट सचिव को 24 अगस्त, 2018 को लिखे अपने पत्र में इनकी विस्तार से जानकारी दी थी।

आलोक वर्मा ने नीरव मोदी और विजय माल्या का दिया था साथ?

इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सीवीसी ने बीते साल 23 अक्टूबर को आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने की सिफारिश की थी। उस वक्त अस्थाना की ओर से वर्मा और वर्मा की ओर से अस्थाना पर लगाए गए आरोपों ने एजेंसी में बड़े विभाजन की स्थिति पैदा कर दी थी। केंद्रीय जांच एजेंसी के दो धड़ों में बंट जाने की काफी चर्चाएं हुई थीं और अंत में सरकार ने दोनों को ही पद से हटा दिया था।

आलोक वर्मा ने होमगार्ड्स डीजी का नहीं लिया था चार्ज
आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाकर उन्हें होमगार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया था, लेकिन उन्होंने चार्ज लेने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा अस्थाना को सिविल एविएशन सिक्यॉरिटी ब्यूरो में भेजा गया था। फिलहाल वह नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में तैनात हैं।

PM मोदी की समिति ने दी थी हटाने की मंजूरी
गौरतलब है कि सीवीसी की रिपोर्ट मिलने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने 8 जनवरी को सीवीसी की 23 अक्टूबर की सिफारिश खारिज करते हुए वर्मा को रूटीन ड्यूटी की परमिशन दी थी। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति ने 10 जनवरी को आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने को मंजूरी दे दी थी।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *