राजस्थान: लेबर रूम में सुनाया जा रहा गायत्री मंत्र, मुस्लिमों ने किया विरोध

जयपुर
राजस्थान में मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने दो सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से शिकायत की है कि उन्हें गायत्री मंत्र सुनने को कहा गया। डॉक्टरों का तर्क था कि इससे लेबर पेन से पीड़ित महिला को आराम मिलता है।

 

सवाई माधोपुर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. तेजराम मीणा ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'हम अपने जिला अस्पताल में लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाते हैं। जल्द ही हम इसे जिले के दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों के सभी 20 लेबर रूम में भी लागू करेंगे।' उन्होंने तर्क दिया, 'अगर एक महिला गायत्री मंत्र सुनती है तो उसे लेबर पेन महसूस नहीं होता।'

एक साल से भी ज्यादा समय से सुनाया जा रहा गायत्री मंत्र
एक साल से भी ज्यादा समय से सिरोही जिला अस्पताल के लेबर रूम में डिलिवरी के वक्त महिलाओं को गायत्री मंत्र सुनाया जा रहा है। उदयपुर में भी सरकार द्वारा चलाए जाने वाले मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाने की तैयारी चल रही है। उदयपुर जिले के प्रजनन और बाल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक आदित्य ने कहा, 'हम जल्द ही लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाएंगे।'

'किसी धार्मिक धुन बजाने का निर्देश नहीं दिया'
हालांकि इस पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जिला अधिकारियों को किसी धार्मिक धुन बजाने का निर्देश नहीं दिया है। विशेष सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. समित शर्मा ने दावा किया कि राज्य सरकार ने सिर्फ लेबर रूम में हीलिंग और मेडिटेशन धुन बजाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, 'गायत्री मंत्र सुनाए जाने की शिकायतों की जांच की जाएगी।'

स्वास्थ्य विभाग ने दिए थे मेडिटेशन धुन के ऑडियो
डॉ. समित शर्मा ने कहा, 'हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और ऐसी चीजों की सिफारिश कतई नहीं की जा सकती है। हमने अपने अथॉरिटीज को लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाने का कोई निर्देश नहीं दिया है बल्कि हमने अपने ऑडियो भेजे हैं जिसमें हीलिंग और मेडिटेशन धुन है। यह संभव है कि कुछ अधिकारी वह ऑडियो इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जो हमने उन्हें दिए थे। हम मामले की जांच करेंगे।'

मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने इस अभ्यास के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया है। विरोध कर रहे अश्फाक कायमखानी ने कहा, 'इस्लाम के अनुसार, नवजात शिशु के कान में पहली आवाज अजान की जानी चाहिए।'

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