सीएम की सख्ती के बाद भी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार नहीं

भोपाल
 मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकारी काम-काज में गति लाने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन किसी भी विभाग ने अभी तक खराब परफार्मेंस वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार करके सामान्य  प्रशासन विभाग को नहीं भेजी है। जबकि विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा था।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी 54 विभागों को पत्र लिखकर कहा था कि 50 वर्ष कीे आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शासकीय सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा करके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में रिपोर्ट भेजी जाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए थे कि सरकारी कार्य में बेहतर कामकाज की आवश्यकता बताते हुए ऐसे अधिकारी जो अक्षम है अथवा अक्षमता के साथ कार्य करते हैं, उन्हें हटाया जाए। इसके लिए 20 साल की सेवा अथवा 50 साल की आयु पूरा करने वाले अधिकारी के कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट 30 दिन के भीतर भेजी जाए। इसी रिपोर्ट के आधार  पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इधर जीएडी के उपसचिव सीबी पडवार ने बताया कि विभागों से जानकारी आना शुरू नहीं हुई है। सभी विभागों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की मंशा से अवगत करा दिया था।

पत्र जारी कर भूला जीएडी

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले महीने 6 जुलाई को सामान्य प्रशासन विभाग ने आनन-फानन में सभी विभागों को इस संंबंध में पत्र जारी कर दिया था, लेकिन इसके बाद जीएडी ने किसी भी विभाग से इस संंबंध में किसी तरह का पत्राचार भी नहीं किया। सामान्य प्रशासन विभाग के पास अभी तक किसी भी विभाग की कोई जानकारी नहीं आई है। जीएडी सूत्रों ने बताया कि अब विभागों को रिमांडर भेजा जा रहा है।

अधिकारियों पर गिरेगा गाज

निठल्ले अधिकारी एवं कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही समीक्षा बैठक बुलाने वाले हैं। मंत्रालयीन सूत्रों ने बताया कि जिन विभागों द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है, उनके विभाग प्रमुखों से जवाब-तलब किया जाएगा। साथ ही रिपोर्ट भेजने में लापरवाही की तो फिर संंबंधित के खिलाफ गाज भी गिर सकती हैं।

कर्मचारियों में मचा है हड़कंप

मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकारी विभागों के कामकाज में गति लाना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु सीमा के आधार पर कर्मचारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट तलब की है। सीएम के फरमान के बाद कर्मचारियों के हड़कंप मचा हुआ है। मंत्रालय से लेकर तहसील एवं ब्लॉक स्तर के कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार होना है। जिसमें अधिकारी एवं कर्मचारियों के ऑफिस आन-जाने, लंच ब्रेक के आधार पर भी रिपोर्ट तैयार होना है।

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