सिंधिया समर्थक नहीं होने से ग्वालियर सीट होल्ड, भिंड में भी दावेदारों में बैचेनी

भोपाल
 लोकसभा चुनाव को लेकर आखिर कार कांग्रेस की ओर से गुना सीट पर सस्पेंस खत्म हो गया। सिंधिया को गुना सीट से पार्टी की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है। लेकिन अभी भी ग्वालियर और भिंड सीट पर पेंच फंसा हुआ है। कयास लगाए जा रहे थे कि गुना के साथ इन सीटों पर भी प्रत्याशियोंं का ऐलान किया जा सकता है। लेकिन दोनों ही सीटोंं को होल्ड पर रखा गया है। सीट होल्ड होने के कारण दावेदारों में बैचेनी बढ़ गई है। दावेदारों का कहना है कि पार्टी जल्द निर्णय ले जिससे वह मैदान में उतर कर बीजेपी का सामना कर सकें। क्योंंकि बीजेपी ने यहां अपने उम्मीदार उतार दिया है। सिंधिया को लेकर जो पहले इंदौर भेजे जाने की अटकले लगाई जा रही थी उस पर शुक्रवार को जारी सूची से विराम लग गया, क्योकि उनको एक बार फि र गुना-शिवपुरी से मैदान में उतारा गया है।

ग्वालियर में फंसा पेंच

ग्वालियर लोकसभा से सिंधिया अपनी पंसद का प्रत्याशी चाहते है ओर उन्होंने इसके लिए तीन-चार नाम भी रखे थे, लेकिन दूसरी तरफ से अशोक सिंह का नाम सामने आने से मामला फिलहाल अटका हुआ है। सूत्र का कहना है कि सिंधिया अशोक सिंह के नाम पर सहमत नहीं हो रहे है, इसको लेकर वह तीन हार का कारण बता रहे है, लेकिन दूसरा पक्ष इस बात का रख रहा है कि मोदी लहर में अशोक सिंह मात्र 29 हजार वोट से हारे थे जबकि प्रदेश में कई बड़े नेता लाखों मतो से हारे थे, इसके साथ ही हार के कई कारण भी बताएं गए है जिसको लेकर मामला फिलहाल अटका हुआ है।

इंदौर सीट की अटकलों पर विराम

सिंधिया के नाम की घोषणा होने से पहले लगातार इस बात की अटकलें थी कि उन्हें पार्टी किसी कठिन सीट से उतारना चाहती है। इसलिए उन्हेंं इंदौर से टिकट मिल सकता है। लेकिन अब उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है।  कमलनाथ की इस बात का पालन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल से लडऩे का ऐलान कर दिया ओर इसके बाद सिंधिया के ऊपर भी दवाब बन रहा था कि वह इंदौर जाएं। सिंधिया को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी एक पत्र कांग्रेस हाईकमान को भेजा था जिसमें कहा गया था कि सिंधिया प्रदेश के बड़े नेता है इसलिए उनको इंदौर से भेजा जाएं तो वहां की सीट आसानी से निकाली जा सकती है। इस पेंच के फंसे होने से कुछ दिक्कत तो हुई, क्योंकि सिंधिया पहले से ही अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय होकर काम कर रहे थे। सिंधिया का नाम भले दी देर से घोषित किया गया, लेकिन ग्वालियर को लेकर अभी भी संस्पेस बना हुआ है।

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