सिंधिया को लेकर कैबिनेट मंत्री के समर्थन में उतरी BJP, कांग्रेस में घमासान

भोपाल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के बयान के बाद सियासत गर्मा गई है। सियासी हलकों में गुटबाजी और भेदभाव को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। एक तरफ जहां इमरती देवी के बयान का बीजेपी ने समर्थन दिया है, वही कमलनाथ के मंत्रियों ने इसे हाईकमान फैसला बताया है।

दऱअसल, आज मीडिया से चर्चा के दौरान जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने मंत्री इमरती देवी की नाराजगी पर कहा मुझे नहीं पता उन्होंने क्या कहा है। आलाकमान के फैसले का हर कांग्रेस कार्यकर्ता एक सिपाही के रूप में स्वीकार करता है अनुसरण करता है। महाराष्ट्र एक आर्थिक स्टेट है। देश की ओर ऐसी जगह पर चुनाव लड़वाने के लिए बड़े और जानकर नेता की जरूरत है। इसलिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को ये जिम्मेदारी दी गई है।

वही  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मंत्री इमरती देवी के सिंधिया को लेकर दिए बयान पर कहा है कि इमरती देवी ने अपनी भावना को व्यक्त किया है। सिंधिया को कोई भी जिम्मेदारी दी जाए उसे वो निभाते हैं। फिर उन्हें देश की ,प्रदेश की या फिर महाराष्ट्र की जिम्मेदारी हो।मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मप्र/छग चुनाव आने पर इस चुनाव में भी जाएंगे।

इधर, बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने सिंधिया को लेकर इमरती देवी के बयान का समर्थन किया है। सारंग का कहना है कि कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दुर्व्यवहार कर रहे है।  राहुल गांधी जानते हैं कि सिंधिया हर चीज में उनसे एक कदम आगे हैं। सिंधिया प्रदेश के जुझारू और उमंग से भरे नेता है। सिंधिया को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी देनी चाहिए थी पर दुर्भावना से महाराष्ट्र भेज दिया। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सिंधिया का अपमान किया था।

कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एमपी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र का स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। लेकिन कांग्रेस के इस फैसले से कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी नाराज हो गई है और उनका कहना है कि वे पार्टी के फैसले से खुश नही है।इमरती देवी ने कहा- पार्टी के इस फैसले से मैं बिल्कुल खुश नहीं हूं। पार्टी जाने, महाराज जाने या राहुल गांधी जानें पर मैं इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हूं। अगर महाराज को कोई जिम्मेदारी देनी है तो मध्यप्रदेश में दें महाराष्ट्र में महाराज को कौन पूछेगा। इमरती देवी इस फैसले से बेहद नाराज दिखीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *