सिंधिया के मुकाबले फूल सिंह बरैया, वहीं दिग्विजय सिंह राज्यसभा के लिए उम्मीदवार !

भोपाल
राज्यसभा में कांग्रेस की ओर से सीनियर नेता का मौका दिया जाएगा या बार-बार दल बदल कर कांग्रेस में आए नेता को तवज्जो दी जाएगी। इस पर अब फैसला कांग्रेस आलाकमान करेंगी। दरअसल राज्यसभा चुनाव के साथ ही कांग्रेस प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को भी देखेगी। इसके आधार पर फैसला लिये जाने की संभावना मानी जा रही है।

उपचुनाव में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दाव पर होगी। सिंधिया के मुकाबले में कांग्रेस ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में एक मजबूत नेता उभारने की तैयारी कर सकती है। इसमें फिलहाल बड़ा नाम फूल सिंह बरैया है। मार्च में हुए घटनाक्रम के बाद ही बरैया को कांग्रेस ने राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। वहीं दिग्विजय सिंह भी राज्यसभा के लिए उम्मीदवार हैं।

बरैया प्रदेश की राजनीति में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने माधवराव सिंधिया को ग्वालियर सीट पर टक्कर देना शुरू की। माधवराव सिंधिया द्वारा मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस के गठन के बाद 1996 में हुए लोकसभा के चुनाव में सिंधिया और फूल सिंह बरैया के बीच ही मुख्य मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में जहां सिंधिया अपनी पार्टी से उम्मीदवार थे, वहीं बरैया बसपा से उम्मीदवार थे। यहां पर कांग्रेस और भाजपा तीसरे और चौथे नंबर पर आई थी। इसके बाद माधवराव सिंधिया ने 1998 में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा। ग्वालियर का यह चुनाव फूल सिंह बरैया के कारण त्रिकोणीय मुकाबले में बदल गया था। बरैया तीसरे नंबर पर आए थे, लेकिन ऐसा माना जाता है कि बरैया को मिले वोटों के चलते माधवराव सिंधिया महज 26 हजार वोटों से जीत सके थे।

बरैया कई दलों में रह चुके हैं। वे पहले बसपा में रहे, इसके बाद उन्होंने लोक जन शक्ति का दामन थामा। बाद में बरैया ने बहुजन संघर्ष दल नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली थी। पार्टी को सफलता नहीं मिलने के चलते बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए।

बरैया को फिर से ग्वालियर-चंबल में बड़े दलित नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने का प्रयास कांग्रेस कर सकती है। इसलिए उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है। इसके बाद उन्हें यहां होने वाले 16 सीटों पर उपचुनाव में सक्रिय किया जा सकता है। इस क्षेत्र की अधिकांश सीटों पर बरैया का प्रभाव माना जाता है।  संभवता इसके चलते ही दिग्विजय सिंह या फूल सिंह बरैया को लेकर अब दिल्ली ने फैसला करने का तय किया है।

वहीं यह भी माना जा रहा है कि यदि बरैया को राज्यसभा में नहीं भेजा गया तो उन्हें भांडेर सीट से उपचुनाव में उतारा जा सकता है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार रक्षा संतराम सरौनिया होगीं।

राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक 17 जून को होने जा रही है। 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है। इन तीन सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इसलिए इसमें मतदान होगा। भाजपा जहां आश्वस्त है कि उसके दोनों उम्मीदवार जीत कर राज्यसभा में पहुंचेंगे, वहीं कांग्रेस की ओर से एक ही उम्मीदवार के राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने की संभावना है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह बताया जाएगा कि पहले नंबर पर दिग्विजय सिंह या फूल सिंह बरैया में से कौन सा उम्मीदवार होगा।

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