सिंधिया के दखल से टली दो मंत्रियों की बर्खास्तगी

भोपाल/ग्वालियर। कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के बीच चल रहे विवाद को लेकर अब दिल्ली का दखल होने जा रहा है। दिल्ली के दखल से मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी के राष्टÑीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंत्रियों के बीच चल रहे विवाद को शांत किया जाएगा। विवाद को शांत करवाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया सभी दिग्गज नेताओं से बात करेंगे। माना जा रहा है कि मानसूत्र तक फिलहाल सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार नही होगा। इसके बाद दिल्ली में इस मामले में हाईकमान की दखल के बाद ही सहमति बनाई जा सकती है। कैबिनेट बैठक में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और सुखदेव पांसे के बीच हुए विवाद के तूल पकड़ते ही कांग्रेस अब इस मामले को जल्द शांत करने में लग गई है। मामले में दीपक बावरिया कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह से बात कर मंत्रियों के बीच मध्यस्थता करवा सकते हैं। दिल्ली में बैठे पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को लगता है कि इस वक्त मंत्रिमंडल में बदलाव प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी को हवा दे सकता है।

मीडिया में कुछ नहीं बोलूंगा: बावरिया
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि जो कुछ छप रहा है उसे लेकर वे मीडिया में कोई बात नहीं करेंगे। बावरिया को भी प्रदेश कांग्रेस से बताया गया कि मंत्रियों के विवाद से जनता में संदेश अच्छा नहीं जा रहा है। इसके बाद वे सक्रिय हुए और अब वे ही तीनों दिग्गज नेताओं से उनके गुट के मंत्रियों के संयम से काम लेने के लिए बातचीत करेंगे।

सिंधिया कैंप के मंत्री अफसरों पर बनाएंगे दबाव,नहीं देंगे इस्तीफे
सरकार में मची खलबली के पीछे असल वजह अफसरशाही की मनमानी है। दरअसल, कैबिनेट मंत्री अपने पीएस व अफसरों के गुट से खासे परेशान हैं। उन्हें अपने विभाग की जानकारी नहीं दी जा रही। इस पर कमलनाथ भी एक्शन नहीं ले रहे हैं। जबकि समय समय पर मंत्री सीएम को पत्र लिखकर भी अवगत करा चुके हैं। अब सिंधिया खेमे के मंत्री दिल्ली हाइकमान को पत्र लिखकर अफसरशाही के खिलाफ साक्ष्य पेश करेंगे। इसमें साबित किया जाएगा कि किस तरह से अफरशाही की लापरवाही से चुनाव में उन्हें नुकसान हुआ है।

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