सावधान! जेल की हवा खा सकते हैं मायावती को Twitter पर ‘गालियां’ देने वाले

लखनऊ
लोकसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विटर पर धमाकेदार एंट्री कर सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है। वहीं एक दिन में उनके फॉलोवर की संख्या 52,000 तक पहुंच गई है। मायावती के प्रशंसक जहां उनकी खुबियों का बखान कर रहे हैं वहीं उनके विरोधी उनपर कटाक्ष करने से नहीं चूक रहे हैं। यहां तक की गाली देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। मायावती के ट्विटर अकाउंट पर कई ऐसे ट्वीट्स आए हैं जिनमें उनके लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन यूजर्स शायद ये नहीं जानते कि उन्हें अपने ऐसे कमेंट के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है।
 दिल्ली हाईकोर्ट के वकील शैलेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक अगर मायावती के खिलाफ ट्विटर पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो ये सीधे-सीधे एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट का मामला बनता है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे मामलों में आईटी एक्ट, आईपीसी और सीआरपीसी तीनों के तहत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ट्रोलिंग के मामले अगर एससी-एसटी एक्ट कोर्ट में साबित ना भी हो पाए तो ट्रोलिंग और हरासमेंट के लिए आईटी एक्ट के तहत आपको सजा मिल सकती है।
 ज्ञात हो कि, यह ट्विटर हैंडल अक्टूबर में बनाया गया था, लेकिन जनवरी से इस पर मायावती और पार्टी के बयान जारी किए जा रहे हैं। 22 जनवरी को अपने पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘भाइयों और बहनों, सम्मान सहित आपको बताना चाहती हूं कि मैं ट्विटर पर आ गई हूं। यह मेरा पहला ट्वीट है। भविष्य में आप सभी से जुड़ने और विचार रखने के लिए मैं इसका इस्तेमाल करूंगी। धन्यवाद।‘ इस ट्विटर हैंडल पर पहले 11 में से 7 ट्वीट पार्टी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्तियां हैं। मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपनी दो पुस्तकों के साथ तस्वीर लगाई है। इसके अलावा इसमें बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, बसपा की स्थापना करने वाले कांशीराम और बसपा के चुनाव चिह्न की भी तस्वीरें लगाई गई हैं।

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