साल के पहले 6 महीनों में आया महज एक आईपीओ

मुंबई
Corona virus वजह से सिर्फ शेयर बाजार (Share Market) ही नहीं बल्कि आईपीओ बाजार (IPO Market) भी तबाह है। तभी तो चालू कैलेंडर (Current calendar year) साल के पहले 6 महीनों में महज एक ही आईपीओ आ पाया है। इस तरह से आईपीओ का आंकड़ा 2014 के स्तर पर पहुंच गया है। उस साल में भी पहले 6 महीने में महज एक ही आईपीओ आया था।

6 महीने में मात्र एक आईपीओ
इस साल अभी तक मात्र एक आईपीओ बाज़ार में आया है। वह है एसबीआई कार्ड (SBI Card) का। इसमें भी निवेशक घाटे में ही रहे हैं। यह आईपीओ के भाव की तुलना में 18 प्रतिशत डिस्काउंट पर कारोबार (Discount trading) कर रहा है। यह डिस्काउंट पर है लिस्ट भी हुआ था।

2014 में भी 6 महीने में एक ही आईपीओ
वर्ष 2014 में हालांकि 6 महीने में दो आईपीओ आए थे, पर एक आईपीओ को सब्सक्रिप्शन नहीं मिलने की वजह से वापस ले लिया गया था। इस साल भी यही हाल रहा है। इस साल एसबीआई कार्ड के अलावा एक एंटोनी वेस्ट का आईपीओ आया था, और उसे पूरा सब्सक्रिप्शन नहीं मिलने पर वापस ले लिया गया था।

अब नजर यूटीआई के आईपीओ पर
बाजार नियामक सेबी ने यूटीआई के आईपीओ को मंजूरी दे दी है। यूटीआई 3000 करोड़ रुपए का आईपीओ लानेवाला है। पिछले हफ्ते ही इम्तियाजुर रहमान को कंपनी का स्थाई एमडी बनाया गया है। उम्मीद की जा रही है कि कंपनी शीघ्र ही आगे की रणनीति का खुलासा करेगी।

एलआईसी के आईपीओ का भी इंतजार
कोरोना से पहले एलआईसी (Life Insurance Corporation of India) के आईपीओ को लेकर जरूर कुछ पॉजिटिव माहौल बना था, पर कोरोना ने पूरे माहौल को चौपट कर दिया। हालांकि अभी भी यह संभव है कि इस वित्त वर्ष में यह आईपीओ आ जाएगा, पर यह काफी बड़ा आईपीओ है। इसलिए इसमें थोड़ी देरी भी हो सकती है। विश्लेषकों के मुताबिक अभी भी आईपीओ बाजार या सेकेंडरी मार्केट अगले 3 महीने तक खराब रह सकता है। माना जा रहा है कि पहला आईपीओ आने में अगस्त लग सकता है।

इस साल ज्यादा थी उम्मीद
इस साल की शुरुआत में 20 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ आने की उम्मीद थी। लेकिन यह सभी आईपीओ टल गए। इस वर्ष एसएमई प्लेटफॉर्म पर भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम आईपीओ आए हैं। बीएसई और एनएसई पर मिलाकर एसएमई के महज 11 आईपीओ आए हैं। एसएमई प्लेटफॉर्म पर 2 से 5 करोड़ रुपए का भी आईपीओ लाने की मर्चेंट बैंकर्स की हिम्मत नहीं है। एसएमई प्लेटफॉर्म पर महज 65 करोड़ रुपए के आईपीओ आए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम हैं।

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