सालभर बाद भी नहीं हो सकी सहकारिता के साढ़े तीन हजार से ज्यादा सेल्समेन की भर्ती

भोपाल
प्रदेश में लंबे समय बाद एक साथ 36 सौ से ज्यादा पदों पर होने वाली भर्ती से उत्साहित युवाओं की उम्मीदों पर पानी फि र गया है। एक साल में भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जबकि सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा में सवाल लगने पर नोटशीट लिखकर नतीजे घोषित करने के निर्देश दे दिए थे। बताया जा रहा है कि सरकार इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं कर पा रही है। यही वजह है कि एमपी ऑनलाइन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी चयन परिणाम जारी नहीं हो पाए हैं। इसको लेकर कुछ आवेदकों ने अब उच्च न्यायालय के दरवाजे भी खटखटाए हैं।

सूत्रों का कहना है कि पिछले माह जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की थी, तब भी यह विषय उठा था। उन्होंने इस मामले में सहकारिता मंत्री को निर्णय लेने के लिए फ ्री-हैंड दिया है। इसके बावजूद अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। जबकि आयुक्त कार्यालय की ओर से अंतिम निर्णय के लिए विभागीय मंत्री को फ ाइल भेजी जा चुकी है, लेकिन अनुमोदन अभी तक नहीं मिला है।

विभागीय सूत्रों  का कहना है कि नीतिगत मामला होने से निर्णय सरकार के स्तर से ही होना है। बताया जा रहा है कि चयन प्रक्रिया भाजपा सरकार के समय शुरू हुई थी। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन बुलाए गए थे और चयन मेरिट के आधार पर होना था। करीब 40 हजार युवाओं ने प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। विधानसभा के मानसून सत्र में जब भर्ती को लेकर सवाल लगा तो सहकारिता मंत्री डॉ. सिंह ने फ इल बुलवाई और गत 20 मई  को नतीजे घोषित करने के आदेश दिए।

इसी बीच हाईकोर्ट का कुछ मामलों में स्थगन होने की बात सामने आई तो महाधिवक्ता कार्यालय से सलाह ली गई। महाधिवक्ता कार्यालय ने हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन नियुक्ति देने की शर्त के साथ नियुक्ति देने का मशविरा दिया था। इसके बाद नतीजा घोषित करने की तैयारी शुरू हो गई थी, लेकिन फि र मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उधर, नरसिंहपुर सहित कुछ अन्य जगहों के आवेदकों ने परिणाम घोषित न होने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *