‘किल कोरोना’ अभियान की शुरूआत राजधानी आज से ,23 हजार टीमें तैयार

भोपाल
कोरोना संक्रमण को प्रदेश से खत्म करने के लिए प्रदेश भर में 1 जुलाई से 'किल कोरोना' अभियान की शुरूआत होने जा रही है, लेकिन राजधानी में इस कैम्पेन की शुरुआत शानिवार 27 जून से ही हो रही है. इसमें भोपाल के साथ ही प्रदेश की आबादी (लगभग 8.5 करोड) में मुख्यत: बुखार का सर्वे किया जाएगा. इस महाभियान में आम लोगों से उनकी सेहत से जुड़े छ: सवाल पूछे जाएंगे. लोगों के जवाब से ये तय होगा कि ये कोरोना के लक्षणों का मरीज है या डेंगू, मलेरिया सहित दूसरे बुखार का.

बीमारी के लक्षणों के आधार पर मौके पर ही रैपिड टेस्ट किट से जांच की जाएगी. यदि रैपिड टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आया तो सैम्पल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में करीब 23 हजार से ज्यादा टीमों को तैयार किया गया है.

भोपाल में आठ सौ टीमें रोजाना करेंगी 1 लाख 98 हजार लोगों का सर्वे

मेगा फीवर कैम्पेन में हर दिन टीम को सर्वे के लिए टारगेट दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल में 795 टीमें रोजाना 1 लाख 98 से जयादा लोगों तक पंहुचकर जानकारी इकठ्ठा करेंगी. इसी तरह प्रदेशभर की 22 हजार टीम हर दिन पांच लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करेगी.

सदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की रैपिड किट से तुरंत होगी जांच

स्क्रीनिंग के दौरान सर्वे टीम के पास रेपिड जांच किट भी रहेगी. बातचीत में अगर किसी व्यक्ति में डेंगू या मलेरिया के लक्षण मिलते हैं तो उनकी रेपिड किट से जांच की जाएगी. इसकी जानकारी नोडल सेंटर को दी जाएगी. वहीं अगर कोरोना के संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसकी जानकारी भी नोडल अधिकारी को दी जाएगी. इसके साथ ही बुखार या अन्य लक्षणों वाले मरीजों को पास के फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.

विशेष किट के साथ होगी स्क्रीनिंग

सर्वे के लिए हर टीम को विशेष किट दी जाएगी. इस किट में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थमार्मीटर, ट्रिपल लेयर, सर्जिकल ग्लव्स, कॉटन, सैनिटाईजर के साथ रैपिड डायग्नोस्टिक किट, क्लोरोक्वीन, प्राइमाक्वीन और पैरासिटामॉल टैबलेट दी जाएगी. इसके साथ ही हर टीम को बायोमेडिकल वेस्ट बैग दिया जाएगा ताकि बायोमेडिकल वेस्ट इधर उधर ना फेंका जाए.

बुखार के साथ इन लक्षणों से तय होंगे बीमारियों के मरीज

कोरोना के संदिग्ध -पिछले 10 दिनों के भीतर खांसी/सांस लेने में परेशानी, गले में दर्द/खराश के साथ 100 डिग्री बुखार है तो संदिग्ध मरीज की पिछले 7 दिनों में की गई यात्रा/ किसी पॉजिटिव के संपर्क में आने की जानकारी लेकर सार्थक एप में उसे दर्ज कर नजदीकी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.

मलेरिया-
बुखार के साथ कंपकपी, सिरदर्द/उल्टी/ कमजोरी/ चक्कर और पसीना आकर बुखार उतर जाने वाले मरीज की सूचना क्षेत्रीय एएनएम को दी जाएगी. एएनएम रैपिड किट से जांच कर रिजल्ट पॉजिटिव आने पर मलेरिया के उपचार के लिए नजदीकी डॉक्टर के पास भेजेंगी.

डेंगू-
तेज बुखार के साथ आंखों के पीछे दर्द/ मांसपेशियों और सिर में तेज दर्द/शरीर पर लाल चकत्ते के लक्षणों वाले मरीजों पास के फीवर क्लीनिक में भेजेंगे. यहां डेंगू के लक्षण मिलने पर सैम्पल एलाइजा टेस्ट के लिए भेजे जाएंगे. न लक्षणों के अलावा दूसरे बुखार वाले मरीजों को भी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.

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