सार्वजनिक उपक्रम बेहाल, बिजली कंपनियों को डुबा रही सब्सिडी

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) का हाल- बेहाल है। 12 पीएसयू के 142 करोड़ के मुनाफे पर सात कंपनियों का 544 करोड़ का घाटा भारी पड़ रहा है। वहीं, सरकार तीन वर्ष से तीन ऐसे कंपनियों का बोझ ढो रही है, जो अब किसी काम की नहीं हैं। कैग के अनुसार घाटे में चल रहे पीएसयू में राज्य की बिजली कंपनियां भी शामिल हैं। इनके नुकसान की सबसे बड़ी वजह सब्सिडी है।

कुल 23 कंपनियों में 20 क्रियाशील

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल 23 सार्वजनिक उपक्रम हैं। इनमें 20 कार्यशील है। 31 मार्च 2017 की स्थिति में सरकार ने इनमें कुल 24161 करोड़ का निवेश किया था। पांच वर्षों में सरकार के निवेश का जोर ऊर्जा सेक्टर में रहा। वहां सरकार ने 1223.85 करोड़ निवेश किया है।

उच्च दर पर लिया कर्ज

सरकार ने 8.17 फीसद की दर से कर्ज लिया और इसके एवज में सार्वजनिक उपक्रमों से सरकार को केवल 3.52 फीसद ब्याज दर मिला। इससे सरकार को 324.41 करोड़ का नुकसान हुआ।

तीन कोयला कंपनी

राज्य सरकार ने कुछ वर्ष पहले तीन कोयला कंपनियों का गठन किया था, लेकिन कोल ब्लॉक आवंटन निरस्त होने के कारण अब तीनों कंपनियां निष्क्रिय हैं। इसके बावजूद सरकार ने 31 मार्च 2017 तक इनमें 338.18 करोड़ का निवेश किया था। सरकार को उम्मीद है कि कोल ब्लॉक का नए सिरे से टेंडर होने पर उसकी लागत निकल जाएगी।

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