दिल्ली के कारोबारी की कार उत्तराखंड के नहर में फंसी, पत्नी और साली की मौत

नई दिल्‍ली
सराय रोहिल्ला के शास्त्री नगर में ब्लॉक ए 795 निवासी सुधीर गर्ग परिवार समेत रविवार सुबह उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट गए थे। मगर उनकी कार वहां धनगढ़ी नहर में आए पानी के तेज बहाव में बह गई। इसमें सुधीर गर्ग समेत बाकी को रेस्क्यू करा लिया गया। लेकिन सुधीर की पत्नी शिखा गर्ग की मौत हो गई। जबकि शिखा की बहन और जीजा पानी के तेज बहाव में बहते चले गए। दो दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन में शिखा की बहन का शव बरामद कर लिया, लेकिन जीजा का पता नहीं चल सका। रोता बिलखता परिवार सोमवार देर रात वापस दिल्ली लौट आया। मंगलवार सुबह गढ़ गंगा में अस्थियां विसर्जन के लिए चले गए। हादसे ने बेकरी कारोबारी परिवार को पूरी तरह उजाड़ कर रख दिया। पड़ोसियों की भी आंखें नम हैं। परिवार में महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल है।

सुधीर गर्ग की अंकल केक शॉप नाम से बेकरी और अन्य आइटम की दुकान हैं। बगल में ही उनका घर है। पड़ोसियों ने बताया कि परिवार बेहद मिलनसार और मददगार है। सुधीर के बुजुर्ग पिता को लोग मास्टरजी कह कर पुकारते हैं। वह टीचर से रिटायर्ड हुए थे। बेकरी कारोबारी सुधीर गर्ग अपनी पत्नी शिखा गर्ग, बेटे अर्पित के साथ कॉर्बेट घूमने आए थे। उनके साथ उनके रोहिणी निवासी साढ़ू विकास, साली रचना और उनकी बेटी सुहानी, साले योगेश अग्रवाल की बेटी वान्या और इनोवा कार चला रहे संजय कपूर थे।

'पानी के बहाव का अंदाजा उन्हें नहीं आया'
केक शॉप को संभाल रहे कर्मचारी ने बताया कि रविवार सुबह इनोवा कार से वह रामनगर के लिए चले थे। उन्हें मरचूला के सलोना रिजॉर्ट में जाना था। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह धनगढ़ी नहर के पास पहुंचे। पानी के बहाव का अंदाजा उन्हें नहीं आया और उन्होंने कार नहर में उतार दी। यह सब देख वहां के लोग मदद को आगे आए। सभी लोग उस दर्दनाक हादसे के समय फरिश्ता बनकर आए। उन लोगों ने सुधीर गर्ग, उनका बेटा अर्पित, साढ़ू की बेटी सुहानी, साले की बेटी वान्या व ड्राइवर संजय कपूर को तो सुरक्षित जैसे तैसे बचा लिया था। जबकि पत्नी शिखा की मौत हो गई। साढ़ू विकास और उनकी पत्नी रचना नहीं मिले। जिनके लिए वहां की लोकल पुलिस और प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। ये हादसा रामनगर से करीब 16 किलोमीटर दूर हुआ।

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