साध्वी प्रज्ञा को लेकर स्वरा भास्कर ने कसा तंज, बीजेपी पर साधा निशाना

मुंबई
 मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से भाजपा ने मालेगांव बम धमाके में आरोपी रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है| इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से उनका मुकाबला है| दिग्विजय के सामने भाजपा किसे प्रत्याशी बनाएगी इसका देश भर में इन्तजार किया जा रहा था| साध्वी के नाम की घोषणा जैसे ही हुई सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई| सिर्फ राजनीति से जुडी हस्तियां ही नहीं बल्कि फिल्मी दुनिया के लोग भी बीजेपी के इस फैसले पर अपनी राय दे रहे हैं| बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री  स्वरा भास्कर ने साध्वी प्रज्ञा को लेकर सोशल मीडिया पर हमला बोला है|

स्वरा ने साध्वी के बीजेपी पार्टी में शामिल होने की खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए जोरदार हमला किया है| स्वरा ने लिखा, '' लोकसभा चुनावों के उम्मीदवारों की एक और बेहतरीन सूची, एक संभावित आतंकवादी, मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा. नफरत और विभाजन के अपने एजेंडे में भाजपा बिल्कुल नग्न है.''

बता दें कि एक्ट्रेस स्वरा भास्कर को बॉलीवुड की बेबाक एक्ट्रेस के रूप में जाना जाता है| वह सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहती हैं और देश में चल रही राजनीति और चुनाव से सम्बंधित प्रतिक्रियाएं देती रहती हैं|  लोकसभा चुनाव में भी स्वरा काफी एक्टिव हैं| इसका ताजा उदाहरण यह है कि स्वरा को हाल ही में बिहार के बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार का सपोर्ट करते हुए देख गया है|  इससे पहले भी स्वरा बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर चुकी | हाल ही मेनका गांधी के विवादित भाषण पर भी स्वरा भास्कर ने आपत्ति दर्ज की थी| स्वरा भास्कर बॉलीवुड की कई सफल फिल्मों की हिस्सा रही हैं और लीड रोल भी निभाएं हैं, सोशल मीडिया पर अपने स्टेटमेंट को लेकर स्वरा अक्सर सुर्ख़ियों में रहती हैं|

कौन है प्रज्ञा ठाकुर

प्रज्ञा सिंह 2008 में तब पहली बार चर्चा में आईं थीं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया। वह नौ साल तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिन तक गंभीर यातना दी गई थी। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। साध्वी प्रज्ञा भारती 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं। हालांकि कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि लेने के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी प्रज्ञा सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं। उनका शुरुआत से ही राष्ट्रवादी संगठनों की तरफ रुझान था।

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