साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकते, कानूनी ताकत नहीं: NIA कोर्ट

मुंबई
भोपाल सीट से बीजेपी कैंडिडेट साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कोर्ट ने कहा है कि वह प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। दरअसल प्रज्ञा की सेहत को ठीक बताते हुए कोर्ट से उनके लड़ने पर बैन लगाने की मांग की गई है। बता दें कि मालेगांव धमाकों में आरोपी प्रज्ञा की उम्मीदवारी के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत की गई है।

एनआईए कोर्ट में प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर बैन लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता वकील ने कहा, 'वह खराब स्वास्थ्य को आधार बनाकर कोर्ट की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रही हैं लेकिन वह चुनाव प्रचार में जुटी हुई है, जिसे देखकर लगता है कि वह बीमार नहीं हैं।'

वकील की दलील पर एनआईए कोर्ट ने कहा, 'वर्तमान चुनाव में इस अदालत के पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने की वैधानिक ताकत नहीं है। यह चुनाव अधिकारियों पर है कि वे इस बारे में फैसला करें। यह कोर्ट आरोपी नंबर 1 (प्रज्ञा ठाकुर) को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। इस संबंध में शिकायत खारिज की जाती है।'

एनआईए कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'इस वक्त अदालत यह नहीं कह सकती कि आरोपी के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है, क्योंकि एनआईए ने प्रज्ञा पर लगे आरोप हटाने को खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दी है।'

क्या है पूरा विवाद
बता दें कि भोपाल में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने मालेगांव धमाकों में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उनके खिलाफ उतारा है। 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट में एक पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराते हुए साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी को चुनौती दी थी।

उन्होंने अपनी शिकायत में प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए गए हैं क्योंकि एनआईए कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत दी थी। वहीं, साध्वी ने एनआईए कोर्ट को अपने जवाब में कहा, 'आवेदन ओछी राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता को कठोर दंड देने के साथ इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।'

बीजेपी द्वारा प्रज्ञा को लोकसभा का टिकट दिए जाने के बाद से विवाद जारी है। अयोध्या मामले में विवादित बयान देने के बाद चुनाव आयोग के आदेश पर प्रज्ञा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने शहीद हेमंत करकरे के बारे में दिए गए विवादित बयान पर भी प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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