साध्वी प्रज्ञा की बढ़ी मुश्किलें, मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाह ने की उनकी बाइक की पहचान

भोपाल
सांसद साध्वी प्रज्ञा  की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मालेगांव ब्लास्ट केस को लेकर मुंबई स्थित स्पेशल एनआईए कोर्ट  में लगातार सुनवाई चल रही है। सोमवार को धमाके के लिए प्रयोग किए वस्तुओं को कोर्ट रख गवाहों से पहचान करवाई गई। इसमें ब्लास्ट में यूज की गई बाइक भी थी।

दरअसल, मुंबई स्थित स्पेशल एनआईए कोर्ट में मालेगांव ब्लास्ट की सुनवाई के दौरान छतिग्रस्त बाइक और साइकिल को लाया गया था। इन्हें सबूत के तौर पर पहचान के लिए लाई थी। इस दौरान एक गवाह ने बाइक की पहचान की। गवाह ने कोर्ट में कहा कि यह बाइक उसने ब्लास्ट के दिन देखी थी।

बाइक की वजह से ही जुड़ा था नाम
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत और 100 लोग घायल हुए थे। इस घटना की जांच मुंबई एटीएस कर रही थी। घटना स्थल से एटीएस को एक एलएमएल फ्रीडम बाइक मिली थी, जिसमें बम रखा गया था। इस घटना का पहला सुराग यही था। बाद में जब इसकी जांच हुई तो सूरत स्थित सिद्धी बाइक एजेंसी से इसे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर लिया गया था।

प्रज्ञा ठाकुर उस समय इंदौर में रह रही थीं। उसके बाद एटीएस ने उन्हें सम्मन भेजा। इसी सबूत के आधार पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी हुई थी। प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट को लेकर नौ साल तक जेल में रहीं। अब वह भोपाल की सांसद हैं।

पेशी से मिली हुई है राहत
वहीं, मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई में मुंबई स्थित एनआईए कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने इस मामले से जुड़े आरोपियों से कहा था कि सुनवाई के दौरान सप्ताह में एक दिन मौजूद रहना है। साध्वी प्रज्ञा सांसद बनने के बाद एक बार उपस्थित हुई हैं। उसके बाद साध्वी ने संसद सत्र की वजह से पेशी से छूट के कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर उन्हें पेशी से राहत दे दी है।

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