साइबर हमलों से निपटने की तैयारी, सेना समेत कई एजेंसियों की जॉइंट एक्सरसाइज

 नई दिल्ली 
साइबर हथियार किसी भी बड़ी मिसाइल से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। इन हथियारों से विरोधी के चकमा देना काफी आसान होता है। भारत अभी साइबर मिलिटरी जैसी जरूरतों से काफी दूर है। लेकिन इन जरूरतों को महसूस करते हुए भारत ने वर्चुअल वर्ल्ड में युद्ध से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है, खास तौर पर चीन के साथ, जो तेजी से अपनी साइबर युद्ध क्षमताओं का निर्माण कर रहा है। 
 
इंडियन आर्मी इस हफ्ते एक बड़ी साइबर एक्सरसाइज या 'साइबरऐक्स' करने वाली है, इसमें वे लोग भी शामिल होंगे, जो साइबर हमले का संभावित खतरा हो सकते हैं। इनमें खास तौर पर रणनीतिक नेटवर्क और पावर ग्रिड शामिल हैं। 

सूत्रों का कहना है, 'मिलिटरी और राष्ट्रीय स्तर पर 'काल्पनिक साइबर हमला' किया जाएगा। इसके जरिए स्थिति को समझने, रेस्पॉन्स देखने और डैमेज कंट्रोल करने की प्रक्रिया को तेजी से समझने की कोशिश की जाएगी। साइबरऐक्स अपनी तरह की पहली जॉइंट एक्सरसाइज है, जिसमें आर्मी, एयर फोर्स, और नेवी के अलावा डिफेंस स्टाफ के कई अहम अधिकारी और कई संगठन-संस्थाओं के लोग शामिल होंगे।' 

जो अन्य संस्थाएं इसमें हिस्सा लेंगी, उनमें नैशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल सचिवालय, नैशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, इंडियन कम्प्युटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम, नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और कम्प्युटर सिक्यॉरिटी रेस्क्यू सेंटर शामिल होंगे। 

अपने विरोधियों की मिलिटरी संपत्ति को नष्ट करने के लिए चीन तेजी से ऐसे साइबर हथियारों का निर्माण कर रहा है। चीन के हथियार स्ट्रैटिजिक नेटवर्क, एनर्जी, बैंकिंग, ट्रांसपोर्टेशन, कम्युनिकेशन ग्रिड पर हमले में भी कारगर होंगे। 

भारत ऐसे बड़े हमलों का मुकाबला करने के लिए अपनी डिफेंस साइबर एजेंसी को मजबूत करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सिविलयन एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी। 
 

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