सस्ते में मिलेगा कम बिजली की खपत वाला एसी, एफिशिएंसी 30% ज्यादा

 
नई दिल्ली 

सरकार के मालिकाना हक वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) कम बिजली खपत और किफायती एयर कंडीशनर लाएगी। ये फाइव स्टार लेबल वाले एसी के मुकाबले करीब 30 प्रतिशत अधिक एफिशिएंट और सस्ते होंगे। 1.5 टन वजन वाले स्प्लिट इनवर्टर सेवन-स्टार एयर कंडीशनर दिल्ली में जीएसटी सहित 41,300 रुपये में मिलेंगे। इस प्रॉडक्ट को वोल्टास बनाएगी। इसकी कीमत BEE 5-स्टार एसी से 30 प्रतिशत कम होगी।  

ईईएसएल के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ कुमार ने बताया कि इस दाम पर मार्केट में BEE 3-स्टार लेबल एसी मिलते हैं। यह स्कीम पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर दिल्ली डिस्कॉम्स के साथ साझेदारी में शुरू की गई है, लेकिन ईईएसएल इसे पूरे देश में शुरू करना चाहती है। 

'ग्लोबल वॉर्मिंग से थोड़ी राहत में मदद करेगा 7 स्टार एसी' 
एसी EESLmart.in के जरिए बेचे जाएंगे और फिलहाल रिटेल मार्केट में अवेलेबल नहीं हैं। कंपनी की ई-कॉमर्स सेगमेंट में एंट्री पर सौरभ ने कहा, ‘देश को मार्केट में मौजूद विकल्पों के मुकाबले टिकाऊ और किफायती एसी की जरूरत है। हम सुपर-एफिशिएंट एसी के साथ उसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं। यह ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती चुनौतियों से राहत दिलाने में भी मदद करेगा। यह जलवायु को लेकर भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने का भी प्रभावशाली रास्ता है।’ 

हर घंटे 50,000 AC बचाएंगे 14.55kWh बिजली 
कंपनी के प्रॉजेक्ट्स डायरेक्टर वेंकटेश द्विवेदी ने बताया कि ईईएसएल ग्राहकों की शिकायतें सुलझाने के सिस्टम के साथ बायबैक ऑप्शन और इंस्टॉलमेंट स्कीम्स भी ऑफर करेगी। वह अनुमानित तौर पर 50,000 एसी लाएगी, जिससे 14.55 करोड़ किलोवॉट प्रति घंटा (kWh) बिजली की बचत होगी यानी इससे सालाना करीब 120 करोड़ रुपये की बिजली और लगभग 1,20,000 टन CO2 एमिशन कम होगा। इस प्रॉजेक्ट के लिए तकरीबन 190 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। इसे ग्लोबल इन्वाइरनमेंट फसिलिटी से भी कुछ ग्रांट मिलेगा। इसके अलावा, एशियन डिवेलपमेंट बैंक जरूरी ग्रांट सपॉर्ट और लोन उपलब्ध करा रहा है, जबकि यूनाइटेड नेशंस इन्वाइरनमेंट प्रोग्राम से इसमें टेक्निकल मदद मिल रही है। 

भारत के कूलिंग ऐक्शन प्लान से जुड़ा प्लान 
एक बयान में कहा गया है कि यह प्रोग्राम 2032 तक भारत में बिल्डिंग और कूलिंग अप्लायंसेज से एनर्जी कन्जम्पशन में लगभग चार गुना वृद्धि की संभावना से सीधे जुड़ा हुआ है। यह भारत के कूलिंग ऐक्शन प्लान और हाइड्रोफ्लूरोकार्बन्स फेज आउट मैनेजमेंट प्लान से भी जुड़ा है, जिसमें भारत को किगाली और पेरिस समझौतों के तहत मिले लक्ष्य को हासिल करना है। 
 

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