सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप में कमी ढूंढने वाले को इनाम देने की घोषणा

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु में निजता को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को देखते हुए इसके स्रोत कोड का सॉफ्टवेयर विकसित करने वाले समुदाय की ओर से जांच-परख के लिए खोलने की घोषणा की। सरकार ने इसके साथ ही इसमें खामियों का पता लगाने वाले को बड़ी राशि का पुरस्कार देने का भी ऐलान किया है।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख नहीं अपनाती है। कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सतर्क करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की गई। लेकिन कुछ लोगों ने इस ऐप के जरिए लोगों के निजी डेटा जुटाए जाने और उनकी निजी जिंदगी के बारे में तांकझांक करने का आरोप लगाया। सरकार ने इन्हीं चिंताओं का समाधान करने के लिए यह कदम उठाया है।

इस ऐप के स्रोत कोड को खोल दिया गया है। कांत ने कहा, ‘पारदर्शिता, निजता और सुरक्षा ही आरोग्य सेतु डिजाइन के मूल सिद्धांत हैं। इसके स्रोत कोड को डेवलपर समुदाय के लिए खोल दिये जाने से भारत सरकार की इन सिद्धांतों के दायरे में रहते हुए काम करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। दुनिया में कहीं भी कोई अन्य सरकार स्रोत को इतने बड़े पैमाने पर नहीं खोलती है।’

नैशनल इन्फोमेटिक सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि इस ऐप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिए चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गए हैं। इसमें खामी का पता लगाने और इसके कार्यक्रम सुधार के सुझाव देने वालों के लिए यह पुरस्कार रखे गए हैं।

वर्मा ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपये का पुरस्कार रखा गया है, जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिए एक पुरसकार एक लाख रुपये का रखा गया है। आरोग्य सेतु ऐप 2 अप्रैल, 2020 को जारी की गई और इसके वर्तमान में करीब 11.5 करोड़ लोग इस्तेमाल करने वाले हैं।

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