सरकार जनता को ‘राइट टू क्लियरेंस’ की बड़ी सौगात देने की तैयारी में

भोपाल
 मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार एक साल पूरे होने पर वचन पत्र पर फोकस कर रही है| मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है| सरकार जनता को 'राइट टू  क्लियरेंस' देने जा रही है| इसके तहत तय समय में लोगों को सरकारी अनुमति मिल जाया करेगी और अगर समय पर काम नहीं होता है तो लोगों को स्वतः अनुमति प्राप्त मानी जायेगी|

दरअसल, प्रदेश में अब तक लोक सेवा गारंटी योजना के तहत तय समय में काम पूरा न करने और करने वालों पर जुर्माने की व्यवस्था थी| अब इससे एक कदम आगे जाकर प्रदेश सरकार जनता को 'राइट टू  क्लियरेंस' का अधिकार देने जा रही है| इसके लिए सरकार एक सॉफ्टवेयर तैयार करवा रही है, जिसमे आमजन की सुविधाओं, व्यवस्थाओं से जुड़े मामलों में जनता को अफसरों की अनुमति मिलने का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा|

सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी विभागों की सभी तरह की अनुमतियों को लिंक किया जाएगा| लोग इस लिंक पर जाकर जिस भी विभाग की अनुमतियाँ लेना चाहते हैं, इसके लिए वे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे| ख़ास बात यह कि लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत हर काम की जो समय सीमा तय है उसके अनुसार ही विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसमें समय सीमा के अंदर निर्णय लेकर अनुमति देना होगी| अगर समय सीमा में अनुमति नहीं दी जाती है तो अपील या जुर्माने की जरुरत नहीं पड़ेगी| तय समय में काम नहीं होने पर लोगों द्वारा जिस काम के लिए अनुमति मांगी गई है वो लिंक के जरिये स्वमेव मिल जाएगी| आमजन उस डीम्ड परमिशन को खुद प्रिंट कर सकेंगे| इस प्रमाणपत्र के आधार पर उसे अनुमति का वैधानिक अधिकार मिल सकेगा और उसके अनुसार कार्यवाही कर सकेगा |

इस तरह की अनुमतियां

इसमें भवन निर्माण, नया नल कनेक्शन, नया बिजली कनेक्शन, नए उद्योग के लिए जमीन आवंटन, गुमाश्ता प्रमाण पत्र, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवासी प्रमाणपत्र, प्रदुषण नियन्त्र बोर्ड से क्लियरेंस, उद्योग शुरू करने के लिए पंजीयन, खेत में सिंचाई के लिए नहर से पानी, सोलर सिंचाई पंप योजना का लाभ, पर्यावरण विभाग से विभिन मंजूरियां, स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के तहत तरह तरह की अनुमति, खसरा, खतौनी की नक़ल और अन्य विभाग से अनुमतियां लेना हो इसमें समयसीमा में अनुमतियां नहीं देने पर ये दी हुई मानी जायेगी|

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