सरकार को अभी नहीं पता, किसानों पर कुल कर्ज कितना

रायपुर
 किसानों की कर्ज माफी का वादा कर तीन राज्यों में सत्ता में आई कांग्रेस अब वादा निभाने में उलझती नजर आ रही है। भाजपा आरोप लगा रही है कि किसानों की कर्ज माफी के नाम पर सरकार ने छलावा किया है। किसानों का अल्पकालीन ऋण माफ ही माफ किया जा रहा है जबकि घोषणा तो ऋण माफी की थी। तो फिर ट्रेक्टर और कृषि उपकरणों पर लिया गया लोन क्यों नहीं माफ किया जा रहा है जबकि किसानों की बड़ी दिक्कत तो वहीं है।

दूसरी बात यह भी कही जा रही है कि किसानों ने जो कर्ज सहकारी और ग्रामीण बैंकों से लिया है वह तो माफ हो रहा है, लेकिन कमर्शियल बैंकों से भी कृषि के नाम पर लोन लिया गया है। उस ऋण का क्या होगा। नईदुनिया ने इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की है।

बताया जा रहा है कि सहकारी और ग्रामीण बैंकों का जो ऋण माफ किया जा रहा है वह शुरूआत भर है। सरकार को अभी पूरी जानकारी नहीं है कि किसानों पर कुल कितना ऋण है। सरकारी और ग्रामीण बैंकों से किसानों को लिंकिंग के माध्यम से धान का भुगतान होता है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है।

साफ्टवेयर उनके ऋण का हिसाब भी रखता है और भुगतान का भी। जब भुगतान किया जाता है तो अल्पकालीन ऋण यानी जो ऋण खाद, बीज आदि के लिए लिया जाता है वह फसल होते ही उसके भुगतान से काट दिया जाता है।

इस बार सरकार ने सिर्फ इतना किया है कि धान बेचने के बाद भुगतान के समय इन बैंकों से उनका ऋण नहीं काटा जा रहा है। गुरूवार को सरकार ने ऋण माफी योजना की शुरूआत भी की। पहले ही दिन करीब साढ़े तीन लाख किसानों के खाते में 1248 करोड़ की राशि का भुगतान ऑनलाइन किया गया।

यह पैसा उन किसानों के खातों में लौटाया गया है जिन्होंने सरकार बनने से पहले धान बेच दिया था और जिनके ऋण की अदायगी पहले ही ऑनलाइन हो चुकी है। सरकार सहकारी और ग्रामीण बैंकों के 16.50 लाख किसानों का ऋण माफ कर रही है। जिन किसानों ने अपने ऋण का भुगतान नहीं किया है अब उन्हें भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। यानी वे धान बेचने जाएंगे तो उन्हें पूरा भुगतान मिलेगा और कोई कटौती नहीं की जाएगी।

बढ़ेगी कर्ज माफी की राशि

मुख्यमंत्री के सचिव गौरव द्विवेदी ने नईदुनिया से कहा कि अभी जो ऋण माफ किया जा रहा है वह आखिरी नहीं है। कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने साफ कर दिया था कि ग्रामीण और सहकारी बैंकों का कर्ज अभी माफ किया जा रहा है जबकि कमर्शियल बैंकों यानी एसबीआई, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक आदि से जो लोन लिया गया है उसकी जानकारी मंगाई जा रही है।

अल्पकालीन या फसल का ऋण माफ किया जाएगा चाहे वह किसी भी बैंक से लिया गया हो। कमर्शियल बैंकों से किसानों के ऋण की पूरी जानकारी आने के बाद ऋण माफी का दायरा बढ़ेगा। अभी जानकारी आ जाए तब सरकार हिसाब लगाएगी।

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