सरकार का बड़ा ऐलान, विलय के बाद अब सिर्फ 12 सरकारी बैंक

नई दिल्ली
सुस्त होती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 23 अगस्त को की घोषणाओं के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के मेगा कंसॉलिडेशन प्लान की घोषणा की। उन्होंने हुए कहा कि आने वाले समय में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मर्ज करके चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे। पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा और जिनका बिजनस 17.95 लाख करोड़ का होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा और इसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का होगा। इसके अलावा, यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक तैयार होगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।

इन बैंकों का विलय
-विलय-1
पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (दूसरा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-17.95 लाख करोड़ रुपये)
-विलय-2
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक (चौथा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-15.20 लाख करोड़ रुपये)
-विलय-3
यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक (पांचवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-14.6 लाख करोड़ रुपये)
-विलय-4
इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक (सातवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-8.08 लाख करोड़ रुपये)

सुधारों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को प्रतिबद्ध है और इसके लिए रोडमैप तैयार है। उन्होंने कहा, 'सरकार ने एनबीएफसी को समर्थन के लिए कई उपाय किए हैं। सरकार का फोकस बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा कि 8 सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन लॉन्च किया है। कर्ज बांटने में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। बैंकों के ग्रॉस एनपीए में कमी आई है और उनकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार हुआ।'

वित्त मंत्री ने कहा, 'रेकॉर्ड लोन रिकवरी हुई है। उन्होंने कहा कि 18 सरकारी बैंकों में से 14 बैंक मुनाफे में आ गए हैं।' वित्त मंत्री ने कहा कि इन सारे विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी। उन्होंने कहा कि 9.3 लाख करोड़ रुपये के कारोबार वाला बैंक ऑफ इंडिया तथा 4.68 लाख करोड़ रुपये के कारोबार वाला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पहले की तरह काम करता रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंक चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति करेंगे।

मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी किया था बैंकों का विलय
इससे पहले, नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी बैंकों का विलय किया था। सबसे पहले स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के अलावा महिला बैंक का विलय किया गया। 1 अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का विलय प्रभावी हो गया। इसके अलावा, इसी साल 1 अप्रैल को बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था।

बैंकों को मिलेगी 55,250 करोड़ रुपये की पूंजी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को क्रेडिट ग्रोथ तथा विनियामकीय अनुपालन के लिए बैंकों को 55,250 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की भी घोषणा की है, जिसके तहत पंजाब नैशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। इसके अलावा, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये तथा पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये की पूंजी मिलेगी।

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