सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई की व्यवस्था अब पंचायतों के बजाय शिक्षा विभाग को
भोपाल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में परिसर और शौचालयों की साफ-सफाई की व्यवस्था अब ग्राम पंचायतों के भरोसे नहीं रहेगी। स्कूलों में सफाई की व्यवस्था पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की पंच परमेश्वर योजना से की जाती है,इसके लिए ग्राम पंचायत द्वारा नियुक्त सफाईकर्मी ही स्कूलों की सफाई करते हैं।
पूरी पंचायत की स्वच्छता का जिम्मा होने के कारण सफाईकर्मी स्कूलों की नियमित सफाई नहीं कर पाते हैं,इस कारण स्कूलों में टॉयलेट भी मेंटेनेंस के अभाव में अनुपयोगी हो रहे हैं,कई बार सरकारी स्कूलों में बच्चों के झाडू लगाने के मामले भी सामने आते रहे हैं। जिसकी वजह से शिक्षा विभाग की कई बार किरकिरी हो चुकी है।
सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई की समस्या से निजात पाने के लिए एक महीने पहले शिक्षा विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि स्कूलों की सफाई के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से शिक्षा विभाग को 117 करोड रूपये मिलेंगे। जिससे प्रदेश भर के एक लाख से अधिक स्कूलों की साफ-सफाई व्यवस्था अब स्कूलों के जिम्मे हो जायेगी। अब स्कूलों में सफाईकर्मी न होने का बहाना नहीं चलेगा,और अनुपयोगी होते जा रहे शौचालयों का भी रखरखाव हो सकेगा।
स्कूलों में अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये जाने वाले निरीक्षण के दौरान फार्मेट में परिसर की स्वच्छता और शौचालय की स्थिति को भी लिखा जायेगा,जिससे राज्य स्तर से भी स्कूलवार साफ-सफाई की मॉनीटरिंग की जा सकेगी।