सरकारी जमीन के सर्वे की बंद फाइलें फिर खोलने की तैयारी, सर्वे को लेकर नए नियम

भोपाल
प्रदेश में सरकारी जमीन के सर्वे की बीस साल से बंद फाइलें फिर खोलने की तैयारी है। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा सर्वे किए जाने को लेकर नए नियम बनाने का काम किया जा रहा है। इसके बाद प्रदेश में नदी-नालों और सरकारी जमीन के अन्य स्त्रोतों के नक्शे और सीमा में बदलाव हो जाएगा। राजस्व विभाग नियम तैयार करने के बाद राज्य शासन को इसकी रिपोर्ट देगा।

बीस साल पहले 9 जून 2000 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासन में भूमि सर्वे का काम बंद करने के आदेश जारी किए गए थे। यह आदेश तब इसलिए जारी हुए थे क्योंकि मुख्यमंत्री के पास सर्वे के नाम पर लोगों को परेशान किए जाने की शिकायतें आ रही थीं। इसके बाद बीजेपी सरकार ने 15 सालों में बंद पड़े सर्वे के काम को शुरू कराने की कवायद नहीं की।

अब जबकि एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में है तो इसको लेकर कवायद शुरू हुई है और राजस्व विभाग के अफसरों की टीम नियम बनाने में जुट गई है। अफसरों के मुताबिक नियमानुसार तीस साल में सर्वे होना चाहिए क्योंकि इस अवधि में नदी, नालों, जंगल क्षेत्र समेत अन्य की स्थितियों में काफी बदलाव हो जाता है। कटाव और अतिक्रमण के चलते नदियों की धार बदल जाती है। इससे उनकी कैचमेंट एरिया प्रभावित होती है। इसके अलावा प्रदेश भर में बांधों और नहरों के निर्माण समेत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के काम हुए हैं।

अफसरों के मुताबिक वैसे तो यह काम सतत चलते रहना चाहिए ताकि बदलाव की स्थिति साफ होती रही लेकिन बीस साल से इस पर एक्शन नहीं होने के बाद अब जब नए नियम बन जाएंगे उसके बाद कलेक्टर इसके लिए काम करा सकेंगे। माना जा रहा है कि नियम बनाने, दावे आपत्ति बुलाने और सरकार की अनुमति लगने के तय समय के बाद वर्ष 2020 में अप्रैल या मई में कलेक्टरों को इसके लिए आदेश दिए जाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

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