समाज के अंतिम व्यक्ति को मिले विकास का लाभ – राज्यपाल

रायपुर
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित राज्योत्सव के दूसरे दिन दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि राज्य निर्माण का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब समाज के अंतिम व्यक्ति को विकास का लाभ मिले और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार आए। उन्होंने नागरिकों से राज्य के विकास में अधिक से अधिक योगदान देने का आह्वान किया। सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य वयस्क हो रहा है। स्थापना के बाद से राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हुई है। शासन द्वारा जनकल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।

राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को राज्य निर्माण के लिए स्मरण किया और इस राज्य निर्माण में योगदान देने वाले समस्त लोगों के महत्व को रूपांकित किया। उन्होंने राज्योत्सव में स्थानीय लोक संस्कृति, लोक नृत्यों पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन संस्कृति से जोड?े का माध्यम है और परम्पराओं को पुनर्जीवित भी रखते हैं। राज्यपाल ने कहा कि पिछले 19 वर्षों में राज्य में विकास के लिए ठोस धरातल निर्मित हुआ है, साथ ही राष्ट्रीय परिदृश्य में सांस्कृतिक रूप से एक पहचान भी बनी है। राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में सांस्कृतिक समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए चहुंमुखी प्रयास किये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ने कम समय में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है पर यहां विकास की और भी संभावनाएं हैं। उन्होंने इस अवसर पर प्रगति के साथ-साथ कमियों की समीक्षा करने की आवश्यकता बताई।

सुश्री उइके ने कहा कि राज्य की उन्नति के लिए शांति जरूरी है, विगत कई वर्षों से नक्सल हिंसा से छत्तीसगढ़ का कुछ हिस्सा प्रभावित रहा है। इस हिंसा को खत्म करने के लिए साझा प्रयास किये जा रहे हैं। आशा है कि जल्द ही इस हिंसा से राज्य को मुक्ति मिलेगी और छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की दौड़ में आगे बढ़ेगा। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल को छत्तीसगढ़ राज्य की नई उद्योग नीति के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जो कार्य किये जा रहे है वह किसान मजदूरो और आदिवासियों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव के लगे स्टाल से प्रगति मैदान में लगे ट्रेड फेयर की याद आती है। उन्होंने राज्योत्सव की तीन दिन की अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए राज्योत्सव की अवधि को दो दिन बढ़ाने की घोषणा की।

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